/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/11/fk3b05Pk1wwikwDDU9Qy.jpg)
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
कर्नाटक, वाईबीएन डेस्क: कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। मुख्यमंत्री पद को लेकर उठ रहे सवाल और पार्टी के अंदर खींचतान के बीच एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं। इस सियासी पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अचानक दिल्ली पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की इच्छा जताई है। दिल्ली एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में सिद्धारमैया ने कहा कि मैंने राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा है, लेकिन अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार गुट के विधायकों की बढ़ती सक्रियता और अंदरखाने चल रही खींचतान को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है।
Advertisment
मैं अपना कार्यकाल पूरा करूंगा
जब उनसे मुख्यमंत्री पद को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मुख्यमंत्री पद खाली नहीं है, मैं अपना कार्यकाल पूरा करूंगा। डीके शिवकुमार ने भी यही कहा है कि इस पद को लेकर कोई रिक्ति नहीं है। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम में उस वक्त सस्पेंस और गहरा गया, जब राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बयान दिया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। उन्होंने कहा, “पार्टी नेतृत्व सबकुछ देख रहा है और समय आने पर फैसला लिया जाएगा।
"एक और नाटक कंपनी" नहीं खोलना चाहते
Advertisment
गृह मंत्री परमेश्वर ने स्वीकार किया कि इस मुद्दे पर 'नाटक' चल रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि वे खुद इस पर अधिक टिप्पणी करके "एक और नाटक कंपनी" नहीं खोलना चाहते। उन्होंने कहा, “प्रशासन सुचारु रूप से चल रहा है और मुख्यमंत्री प्रभावी ढंग से काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जुलाई के पहले हफ्ते में भी ऐसी ही अटकलें उस समय उठी थीं, जब डीके शिवकुमार खेमे के करीबी विधायक इकबाल हुसैन ने दावा किया था कि शिवकुमार को 100 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है। फिलहाल कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सिद्धारमैया की दिल्ली यात्रा और जी परमेश्वर के बयानों ने अटकलों को फिर हवा दे दी है।
Advertisment