Advertisment

तेलंगाना ने SC आरक्षण का किया बंटवारा, तीन ग्रुप में बांटा, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य

तेलंगाना सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति (SC) के आरक्षण में बदलाव करने का आदेश जारी कर दिया। सोमवार को  जारी इस आदेश में इस समुदाय को तीन भागों में बांटा गया है। तेलंगाना ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

author-image
Vibhoo Mishra
Reservation
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

तेलंगाना, वाईबीएन नेटवर्क।  तेलंगाना सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति (SC) के आरक्षण में बदलाव करने का आदेश जारी कर दिया। सोमवार को  जारी इस आदेश में इस समुदाय को तीन भागों में बांटा गया है। तेलंगाना ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस आदेश की जानकारी जल संसाधन मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी। 

Advertisment

कमीशन की रिपोर्ट पर किया वर्गीकरण 

उन्होंने बताया- 'तेलंगाना सरकार ने अक्टूबर 2024 में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शमीम अख्तर की अध्यक्षता में एक कमीशन का गठन किया था।' इस कमीशन ने SC समुदाय की 59 जातियों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 15 प्रतिशत के कुल आरक्षण के लिए तीन वर्गों (वर्ग I, वर्ग II और वर्ग III) में बांटने की सिफारिश की थी। इस कानून को लागू करने से पहले रविवार को सचिवालय में कैबिनेट की अंतिम बैठक हुई। सिफारिश को 8 अप्रैल को तेलंगाना के राज्यपाल की मंजूरी मिली थी। जिसके बाद इसे इसे 14अप्रैल को इसे लागू किया गया है। SC वर्ग को पहले की तरह 15% ही आरक्षण मिलेगा, लेकिन अब इसे अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है। उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा- 'अगर 2026 की जनगणना में एससी की जनसंख्या बढ़ती है, तो आरक्षण भी बढ़ाया जाएगा।' सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को राज्यों को इस तरह के वर्गीकरण के लिए मंजूरी दी थी।

किस आधार पर हुआ बंटवारा

Advertisment

जस्टिस शमीम अख्तर की अध्यक्षता वाली कमीशन ने अलग-अलग SC उप-जातियों की आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक स्थिति का अध्ययन किया। आयोग ने सर्वे के दौरान लोगो से भी सुझाव मांगे। 8600 से अधिक लोगों से सुझाव और अभिव्यक्ति प्राप्त हुई। जनसंख्या वितरण, साक्षरता दर, उच्च शिक्षा में भागीदारी, रोजगार, सरकारी योजनाओं से लाभ और राजनीतिक भागीदारी जैसे कई पाॅइंट पर समुदाय को मापा गया। कमीशन ने सभी समुदायों की बात सुनने के बाद अपनी रिपोर्ट दी।

SC ने पिछले साल दी थी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को SC-ST के भीतर उप-वर्गीकरण को मंजूरी दी थी। सात जजों की बैंच ने 6:1 के बहुमत से ये फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- 'राज्यों को डेटा के आधार पर SC-ST के अंतर्गत आरक्षण में वर्गीकरण करने का अधिकार है। अगर किसी राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 15% आरक्षण है, तो वह इस 15 फीसदी आरक्षण को विभिन्न SC समुदायों के बीच उनके पिछड़ेपन के आधार पर बांट सकता है।' जस्टिस बीआर गवई सहित छह जजों ने उप-वर्गीकरण का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था- 'SC/ST एक समान वर्ग नहीं हैं और कुछ समुदाय दूसरों से अधिक पिछड़े हो सकते हैं।' वहीं, जस्टिस विक्रम नाथ ने उप-वर्गीकरण को लेकर असहमति जताई थी।

Advertisment

 

telangana telangana news
Advertisment
Advertisment