अश्वगंधा मिशन: काशी हिंदू विश्वविद्यालय अश्वगंधा का महत्व बता निश्शुल्क बाँट रहा पौध
वनस्पति विज्ञान विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा अश्वगंधा मिशन, आयुष मंत्रालय के अंतर्गत विद्यालय एवं गाँव में अश्वगंधा जागरूकता कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं एवं अश्वगंधा के पौधों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है।
वनस्पति विज्ञान विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अश्वगंधा जागरूकता एवं वितरण परियोजना कार्यक्रम राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इस परियोजना के अंतर्गत विभाग की ओर से निबंध, चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता वनस्पति विज्ञान विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित की गई, जिसमें छात्र छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। निबंध प्रतियोगिता में छात्रों ने अश्वगंधा के वैज्ञानिक और पारंपरिक उपयोगों पर प्रकाश डाला, जबकि चित्रकला प्रतियोगिता में उन्होंने इसकी उपयोगिता को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किया। कम्पोजिट विद्यालय, छित्तुपुर में अश्वगंधा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य छात्रों और स्थानीय समुदाय को इस औषधीय पौधे के लाभों के बारे में जागरूक करना था।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग में एक भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया और आश्वगंधा पौधे के औषधीय गुणों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। वाराणसी के कज्जकपुरा स्थित ऑक्सफोर्ड इंग्लिश स्कूल में एक अश्वगंधा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्कूल के छात्रों, अध्यापकों और आसपास के समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया।
जागरूकता कार्यक्रम के प्रमुख अन्वेषक डॉ. सतीश कुमार वर्मा ने अश्वगंधा का महत्व बताया। कहा कि इस पहल के माध्यम से, भारत सरकार का उद्देश्य लोगों को प्राकृतिक औषधीय पौधों जैसे अश्वगंधा को अपनी दैनिक जीवनशैली में शामिल करने के लिए ज्ञान और संसाधन प्रदान करना है। जैसे-जैसे यह परियोजना आगे बढ़ रही है, यह पारंपरिक हर्बल ज्ञान के समर्थन से एक स्वस्थ और अधिक सतत भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम प्रतीत होती है।अश्वगंधा, जिसे आयुर्वेद में 'सुपरफूड' के रूप में जाना जाता है, न केवल हमारे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को 4 करने का प्रयास करता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पौधा न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभदायक है ।
पर्यावरण संरक्षण में सहायक कार्यक्रम
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सह-प्रमुख अन्वेषक डॉ.अभिषेक कुमार द्विवेदी ने कहा कि इन पौधों के वितरण का पहले ही बड़ा प्रभाव देखने को मिला है। विभिन्न क्षेत्रों के स्कूल सक्रिय रूप से इस पहल में शामिल हुए हैं, जिसमें छात्रों को अश्वगंधा पौधे दिए गए हैं, जिन्हें वे उगाकर पालन करेंगे। इस पहल ने न केवल पौधे के औषधीय गुणों में रुचि को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह हर्बल पौधों की खेती के माध्यम से पर्यावरण को समर्थन देने के महत्व को भी उजागर करेगा। यह भी देखें:Ghaziabad: जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट में लापरवाही, क्यों ?
अश्वगंधा के पौधों का निःशुल्क वितरण Photograph: (वाईवीएन संवाददाता )
वनस्पति विज्ञान विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय की टीम गोवर्धन, पूजा शुक्ला , दीपक, उत्कर्ष ,पूजा चौरसिया, शिवांगी, एवं अमित के सहयोग से कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है । इस जागरूकता अभियान के अंतर्गत, 31 मार्च 2025 तक समाज के विभिन्न क्षेत्रों में एक लाख अश्वगंधा पौधों का निःशुल्क वितरण करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है। ये पौधे स्कूल के छात्रों, शैक्षिक कर्मचारियों और आम जनता को निःशुल्क वितरित किए जा रहे हैं। यह वितरण न केवल अश्वगंधा के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य है, बल्कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास भी है कि इस मूल्यवान पौधे को स्थानीय स्तर पर उगाया जाए और अधिक से अधिक लोगों तक इसके लाभ पहुंच सकें।