प्रयागराज, वाईबीएन नेटवर्क।
उत्तर प्रदेश में न्यायिक प्रशासन में बड़ा फेरबदल हुआ है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर 582 जजों के तबादले किए गए हैं। इनमें 236 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, 207 सिविल जज (सीनियर डिवीजन) और 139 सिविल जज (जूनियर डिवीजन) शामिल हैं।
ज्ञानवापी केस वाले जज का भी ट्रांसफर
वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी केस में फैसला सुनाने वाले जज रवि कुमार दिवाकर का भी ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्हें बरेली से चित्रकूट भेजा गया है। बता दें कि उन्होंने 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था, जिसके बाद वे सुर्खियों में आए थे।
दिल्ली हाई कोर्ट के जज और ‘कैश कांड’ की गूंज
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा का मामला चर्चा में रहा। उनके घर आग लगने के बाद जले हुए नोट मिलने की खबरें सामने आईं, जिससे सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। हालांकि, दिल्ली फायर सर्विस के प्रमुख ने दावा किया कि मौके पर कोई कैश नहीं मिला। बाद में घर के बाहर से जले हुए नोट बरामद होने की खबरें आईं, जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है और जस्टिस वर्मा को अपना पक्ष रखना होगा। इस घटना के बाद जजों की नियुक्ति और पारदर्शिता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
यूपी में 582 जजों का बड़ा ट्रांसफर, ज्ञानवापी केस वाले जज भी बदले गए। दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर आग और जले हुए नोटों की बरामदगी से न्यायपालिका में पारदर्शिता पर बहस छिड़ी। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी मामले की जांच कर रही है।