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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर माहौल गर्माने लगा है। यात्रा की शुरुआत से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पदाधिकारी मेरठ से लेकर मुजफ्फरनगर तक कांवड़ रूट एक्टिव हो गए हैं। VHP कार्यकर्ता QR कोड स्कैन कर धर्म पूछ रहे हैं।
सरकार के दिशा-निर्देश
- कांवड़ मार्ग पर स्थित ढाबों और रेस्टोरेंट्स को अपनी पहचान स्पष्ट रूप से बोर्ड पर दर्शानी होगी।
- सभी दुकानों को अपना लाइसेंस और मालिक का पहचान पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।
- कांवड़ यात्रा के मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री पर रोक रहेगी।
विश्व हिंदू परिषद हुआ एक्टिव
इन दिशा-निर्देशों के लागू होते ही विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पदाधिकारी मेरठ से लेकर मुजफ्फरनगर तक कांवड़ रूट पर सक्रिय हो गए हैं। वे ढाबों, रेस्टोरेंट्स और दुकानों पर पहुंचकर मालिक से नाम और धर्म की जानकारी ले रहे हैं। कई जगहों पर वे वाराह भगवान (भगवान विष्णु के अवतार) की तस्वीर दुकानों पर चिपका रहे हैं और भगवा झंडे भी लगा रहे हैं। इसके अलावा, वे QR कोड स्कैन कर यह भी जांच कर रहे हैं कि दुकान हिंदू नाम से चल रही है या किसी अन्य धर्म के व्यक्ति द्वारा संचालित है।
मांसाहारी भोजन की भी हो रही जांच
पदाधिकारी यह भी देख रहे हैं कि कहीं इन दुकानों पर मांसाहारी भोजन तो नहीं परोसा जा रहा है। वे हर दुकान का निरीक्षण कर उसकी जानकारी अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर रहे हैं। यह प्रक्रिया मेरठ के हाइवे पर स्थित दुकानों तक भी पहुंच चुकी है, जहां नाम पट्टिका से लेकर भोजन सामग्री तक की जांच की जा रही है।
VHP का मुस्लिम समुदाय पर आरोप
VHP के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कोई फरमान नहीं, बल्कि हिंदू धर्म और भावनाओं की रक्षा का एक प्रयास है। उनका आरोप है कि मुस्लिम समुदाय लव जिहाद, वोटर जिहाद, लैंड जिहाद और फूड जिहाद जैसे तरीकों से समाज को प्रभावित कर रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पहले वे केवल चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन यदि बदलाव नहीं आया तो प्रशासन की मदद से सख्त कार्रवाई की जाएगी। up news | Kanwar Yatra