वाराणसी, वाईबीएन नेटवर्क।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर राज्य में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर जोरी सर्वे में बड़ा खुलासा हुआ है। सर्वे के मुताबिक बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में सरकारी जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी के कुल 1637 वक्फ प्रॉपर्टी में से 406 सरकारी जमीन पर है।
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सम्पत्तियों का हुआ सत्यापन
बता दें यूपी सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड और शिया वक़्फ़ बोर्ड की सभी 1637 सम्पत्तियों का सत्यापन कराया गया है। सत्यापन के बाद जो रिपोर्ट मिली उसमें ये पाया गया कि 406 सम्पत्ति सरकारी जमीन पर थी। इनमें से ज्यादातर पर कब्रिस्तान बने हुए हैं।
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मुख़्तार अंसारी उठाया सवाल
सर्वे की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गई है, आदेश के बाद इसपर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की इस रिपोर्ट पर कुछ लोग आपत्ति जता रहे हैं, . ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्षकार मुख़्तार अंसारी ने भी इस पर सवाल उठाए। मुख़्तार अंसारी ने कहा कि सरकार को गरीब मुसलमानों के प्रति दया दिखानी चाहिए। हो सकता है कि वक़्फ़ की दो चार प्रॉपर्टी सरकारी जमीन पर हो लेकिन ये संभव नही है कि 25% सरकारी जमीन पर वक़्फ़ का कब्ज़ा है। इसके साथ ही उन्होंने रिपोर्ट सार्वजनिक करने की भी मांग की है।
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क्या है वक्फ बोर्ड
वक्फ का मतलब होता है 'अल्लाह के नाम', यानी ऐसी जमीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है। वक्फ बोर्ड का एक सर्वेयर होता है। वही तय करता है कि कौन सी संपत्ति वक्फ की है, कौन सी नहीं। इस निर्धारण के तीन आधार होते हैं- अगर किसी ने अपनी संपत्ति वक्फ के नाम कर दी, अगर कोई मुसलमान या मुस्लिम संस्था जमीन की लंबे समय से इस्तेमाल कर रहा है या फिर सर्वे में जमीन का वक्फ की संपत्ति होना साबित हुआ। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था। जिससे इन जमीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने और गैरकानूनी तरीकों से बेचने पर रोक के लिए बनाया गया था।