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Election Commission ने BLO का पारिश्रमिक किया दोगुना, उत्‍तराखंड के इतने कर्मचारियों को होगा फायदा

निर्वाचन आयोग ने BLO का वार्षिक पारिश्रमिक 6000 से बढ़ाकर 12000 रुपये और पर्यवेक्षकों का 12000 से 18000 रुपये कर दिया है। ERO और AERO को पहली बार 30000 और 25000 रुपये का मानदेय मिलेगा।

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Suraj Kumar
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देहरादून वाईबीएन डेस्‍क। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कार्मिकों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आयोग ने बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) को दिए जाने वाले वार्षिक पारिश्रमिक को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये कर दिया है। साथ ही, BLO पर्यवेक्षकों को दी जाने वाली राशि 12000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है।

 BLO को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी 

आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य हेतु BLO को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भी 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये कर दी है। इसके अलावा, निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (EROs) के रूप में कार्य कर रहे उपजिला मजिस्ट्रेटों (SDMs) को अब 30000 रुपये वार्षिक मानदेय दिया जाएगा, जबकि सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AEROs) के रूप में कार्यरत तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को 25000 रुपये वार्षिक दिए जाएंगे। यह पहली बार है जब EROs और AEROs के लिए मानदेय निर्धारित किया गया है। इससे पहले, आयोग ने बिहार से प्रारंभ होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के लिए BLOs को 6000 रुपये की अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन राशि देने की मंजूरी भी दी थी।

13000 BLO कर्मचारियों को होगा फायदा 

यह निर्णय निर्वाचन आयोग की उन चुनाव कार्मिकों को पर्याप्त मुआवजा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सटीक मतदाता सूची बनाये रखने, मतदाताओं की सहायता करने और चुनावी प्रक्रिया को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए क्षेत्र स्तर पर अथक परिश्रम करते हैं। उत्तराखंड में वर्तमान में लगभग 13000 BLO कार्यरत हैं। वहीं, ERO के रूप में लगभग 70 उपजिला मजिस्ट्रेट नियुक्त हैं, जो मतदाता सूची की तैयारी और निर्वाचन प्रक्रिया को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उत्‍तराखंड में पंचायत चुनाव सम्‍पन्‍न 

31 जुलाई से शुरू हुई मतगणना शुक्रवार को दोपहर में संपन्न हो गई। राज्य में जिला पंचायत सदस्य की 358 सीटों में से 145 पर निर्दलीयों ने कब्जा जमाया। 121 सीटों पर भाजपा समर्थित और 92 सीटों पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जीते। 2019 के पंचायत चुनाव में भी भाजपा, कांग्रेस के मुकाबले निर्दलीयों ने ही बाजी मारी थी। तब निर्दलीय जीतने वाले प्रत्याशियों की संख्या करीब 150, भाजपा समर्थित प्रत्याशी करीब 125 और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी करीब 88 जीते थे।

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