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Harshil-Dharali Disaster: एक सेकंड में बहा इतने लाख लीटर पानी, IIRS रिपोर्ट में खुलासा

उत्तराखंड के हर्षिल और धराली में आई आपदा से पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (IIRS) ने सेटेलाइट अध्ययन में खतरे की चेतावनी दी थी। जानें, 24 घंटे की बारिश में कितना पानी और मलबा बहा और अफसरों पर क्या आरोप लगे।

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Dhiraj Dhillon
UTTARKASHI FLOOD

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। उत्तराखंड के हर्षिल और धराली में आई आपदा की भविष्यवाणी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (IIRS) ने पहले ही सेटेलाइट अध्ययन के जरिए कर दी थी। IIRS की रिपोर्ट के अनुसार, 24 घंटे की बारिश के बाद धराली और हर्षिल में प्रति सेकेंड 50 से 60 लाख लीटर पानी बहा, जो अपने साथ भारी मलबा लेकर आया। बता दें कि 5 अगस्त को हर्षिल और धराली में भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ में मरने वालों का आंकड़ा 50 तक पहुंच गया है। अभी भी 40 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है। इनमें सेना के जवान और स्थानीय लोगों के अलावा कुछ पर्यटक भी शामिल हैं। आपदा के बाद युद्ध स्तर पर शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन में 1200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

IIRS और यूएसडीएमए के बीच समझौता

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) और इसरो के तहत IIRS के बीच एमओयू के तहत पहाड़ी क्षेत्रों में ग्लेशियर, झीलों, मलबा बहाव, हिमस्खलन और भूस्खलन की निगरानी की जा रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत हर्षिल वैली और भागीरथी के ऊपरी हिस्से का विस्तृत अध्ययन किया गया है।

ग्लेशियर सिकुड़ने और झीलों के बढ़ने का खतरा

वैज्ञानिकों ने 2020 से 2023 के बीच ऊपरी मंदाकिनी, भागीरथी और अलकनंदा बेसिन में ग्लेशियर के तेज़ी से सिकुड़ने की चेतावनी दी थी। भागीरथी ग्लेशियर प्रति वर्ष 0.22%, मंदाकिनी 0.7% और ऋषिगंगा 0.11% घट रही है। साथ ही हिमनदी झीलों का आकार लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ा है।

बारिश और बाढ़ का सिमुलेशन

IIRS ने फ्लड मैप तैयार कर दिखाया कि अगर 24 घंटे में 200 मिमी बारिश हो तो 80 लाख लीटर प्रति सेकेंड पानी का बहाव होगा। 5 अगस्त को धराली और हर्षिल में 150 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे लगभग 60 लाख लीटर प्रति सेकेंड पानी और मलबा बहा।

लापरवाही पर सवाल

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IIRS की वार्षिक रिपोर्ट में हर्षिल वैली में संभावित बाढ़ और मलबे के खतरे का स्पष्ट उल्लेख था। वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने आरोप लगाया कि चेतावनी के बावजूद USDMA और आपदा प्रबंधन विभाग ने समय रहते कार्रवाई नहीं की। उन्होंने इसे "घोटाला प्रबंधन विभाग" बताते हुए दोषी अफसरों पर मुकदमा दर्ज करने और दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। dharali village uttarkashi | flash floods in uttarkashi | flood rescue uttarkashi | floods in uttarakhand's uttarkashi | cloud burst and flood disaster in uttarkashi | Uttarkashi Cloudburst 2025 | uttarkashi dharali village | Uttarkashi Disaster | uttarkashi flash floods 2025

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