राजस्थान, वाईबीएन नेटवर्क।
झालावाड़ में पानी का संकट जब हद से गुजर गया, तो राजस्थान की शेरनी कही जाने वाली वसुंधरा राजे मैदान में उतरीं। उनकी एक फटकार ने जलदाय विभाग में भूचाल ला दिया! सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पर कार्रवाई की खबर ने सबको हिलाकर रख दिया, और अब कई और अधिकारियों पर तलवार लटक रही है। केंद्र सरकार ने भी इस मसले पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं।
"पानी कागजों में नहीं, नलों में चाहिए!"
8 अप्रैल 2025 को झालावाड़ के रायपुर कस्बे में वसुंधरा राजे ने पानी की किल्लत पर तीखा तंज कसा था। उन्होंने अधिकारियों को ललकारते हुए कहा था कि जल जीवन मिशन के लिए हजारों करोड़ आए, लेकिन मेरे झालावाड़ में लोग प्यासे क्यों हैं? उनका गुस्सा यहीं नहीं थमा। उन्होंने साफ चेतावनी दी थी कि जो अधिकारी काम नहीं करेंगे, उनकी जगह कागजों में नहीं, सड़क पर होगी। इस बयान ने जनता का दिल जीत लिया और जलदाय विभाग में हड़कंप मचा दिया।
सुपरिटेंडेंट इंजीनियर की कुर्सी डोली
वसुंधरा की नाराजगी का असर तुरंत दिखा। खबर है कि झालावाड़ के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को तत्काल प्रभाव से APO (Awaiting Posting Order) कर दिया गया है। यानी, अब वो बिना कुर्सी के अगले आदेश का इंतजार करेंगे। हालांकि, इस कार्रवाई की आधिकारिक पुष्टि बाकी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वसुंधरा के गुस्से ने विभाग को नींद से जगा दिया। कहा जा रहा है कि ये सिर्फ शुरुआत है कई और अधिकारियों की लिस्ट तैयार हो रही है।
दिल्ली तक गूंजा झालावाड़ का दर्द
वसुंधरा की आवाज इतनी बुलंद थी कि वो सीधे दिल्ली के गलियारों में गूंजी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने तुरंत हरकत में आते हुए राजस्थान सरकार से झालावाड़ के पानी संकट पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी। मंत्रालय ने साफ कहा है कि जल जीवन मिशन का पैसा जनता की प्यास बुझाने के लिए है, कागजों में नाचने के लिए नहीं। वसुंधरा ने फंड के दुरुपयोग पर सवाल उठाए थे जिसके बाद केंद्र अब हर खर्चे की बारीकी से जाँच करने को तैयार है।
जनता की प्यास, वसुंधरा का जुनून
वसुंधरा ने रायपुर की एक सभा में भावुक होकर कहा था कि मेरे झालावाड़ की माँ-बहनें पानी के लिए तरस रही हैं, बच्चे प्यासे सो रहे हैं। ये बर्दाश्त नहीं होगा। उनकी इस बात ने लोगों के दिलों को छू लिया। उन्होंने वादा किया कि वो तब तक चुप नहीं बैठेंगी, जब तक हर नल से पानी की धार न बहे। जनता में उनके इस जुनून ने नई उम्मीद जगाई है, और अधिकारी अब दबाव में हैं।
अब क्या होगा आगे?
ये जंग यहीं थमने वाली नहीं। जलदाय विभाग अब हर योजना की बारीक समीक्षा कर रहा है। वसुंधरा ने चेतावनी दी है कि जो काम नहीं करेगा, वो जाएगा! केंद्र की नजर भी राजस्थान के जल प्रबंधन पर टिकी है। अगर हालात नहीं सुधरे, तो और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही पानी की सप्लाई को लेकर बड़े ऐलान हो सकते हैं। लेकिन एक बात पक्की है कि वसुंधरा का ये तूफान अब रुकने वाला नहीं।