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MLA थप्पड़ कांड : CM फडणवीस बोले - 'जनप्रतिनिधि ऐसे कैसे कर सकते हैं?' | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
सीएम ने संशोधन को दी मंजूरी
सीएम देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में केंद्रीय टास्क फोर्स की सिफारिशों को मंजूरी दी गई, जिसके तहत महाराष्ट्र अब उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है। राज्य सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया है कि यह संशोधन फैक्ट्री अधिनियम, 1948 और महाराष्ट्र दुकान एवं स्थापना (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 में किया जा रहा है। सीएमदेवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन संशोधनों को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही महाराष्ट्र अब उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है, जहां पहले ही ऐसे श्रम सुधार लागू किए जा चुके हैं, जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना।
फैक्ट्री अधिनियम में ये बदलाव होंगे
- नए संशोधनों के तहत फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अब प्रतिदिन 9 घंटे की जगह अधिकतम 12 घंटे तक काम किया जा सकेगा।
- कार्य के बीच में आराम का समय अब हर 6 घंटे के बाद मिलेगा, पहले यह सीमा 5 घंटे थी।
- ओवरटाइम की सीमा प्रति तिमाही 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है।
- ओवरटाइम कराने के लिए श्रमिक की लिखित सहमति अनिवार्य होगी।
- ओवरटाइम कार्य पर दोगुनी मजदूरी देना अनिवार्य होगा।
- सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी भी कर्मचारी को बिना उसकी सहमति के अतिरिक्त घंटे काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
दुकान व प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन
- निजी प्रतिष्ठानों में प्रतिदिन कार्य की सीमा 9 से बढ़ाकर 10 घंटे की जाएगी।
- ओवरटाइम की सीमा 125 से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही की गई है।
- आपातकालीन परिस्थितियों में कार्य की अवधि 12 घंटे तक तय की गई है।
- ये नियम 20 या अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे।
- इसके अलावा 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को अब पंजीकरण प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे प्रतिष्ठानों को केवल सूचना प्रक्रिया के तहत संबंधित अधिकारियों को सूचना देना होगा, जिससे छोटे व्यवसायों पर अनुपालन का बोझ कम होगा।