नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
जलवायु परिवर्तन को लेकर तमाम तरह के शोध किए जा रहे हैं। इससे होने वाले परिवर्तन से पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर खतरा पहुंच रहा है। इसके साथ- साथ इसकी वजह से तापमान में भी भारी बढोत्तरी हो रही है। हाल ही में चीन के वैज्ञानिकों ने इसको लेकर एक शोध किया है जिसमें बताया गया है कि तापमान बढने के कारण जमीन में पाए जाने वाले कीडों की क्षमता बढ जाएगी। ये पारिस्थितिकी तंत्र के लिए शुभ संकेत है।
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अध्ययन में सामने आई बात
शोधकर्ताओं ने 6 महाद्वीपों के हजारों डेटा का अध्ययन कर इस बात का पता लगाया है। शोध में पाया गया कि वार्षिक औसत तापमान में वृद्धि से मिट्टी की श्वसन और पौधों के Biomass पर दीमक का प्रभाव बढ जाता है, जबकि केंचुए मिट्टी की नाइट्रोजन और फास्फोरस क्षमता को बढा देते हैं। मिट्टी में रहने वाले जीव जैसे- जैसे दीमक, चींटियाँ और केंचुए - मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, मिट्टी की संरचना में सुधार करने और फसल की पैदावार बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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कितने जरूरी हैं मिट्टी के कीडे
दीमक, चींटियाँ और केंचुए, जिन्हें "पारिस्थितिकी तंत्र इंजीनियर" के रूप में जाना जाता है, दुनिया भर के विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्रों में पाए जाते हैं। ये मिट्टी में होने वाली परेशानी को दूर करते हैं। इससे मिट्टी उपजाऊ बनती है। ये जमीन के पोषक तत्वों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एक्सपर्ट की राय
प्रमुख शोधकर्ता वू ने कहा , "इसका मतलब है कि भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण दीमक की गतिविधियों को बढावा मिलने से मिट्टी की श्वसन क्षमता और पौधों की उत्पादकता बढ सकती है। यह नया शोध मिट्टी के बारे नई जानकारियां हासिल करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि मिट्टी के कीडे फसलों की उत्पादकता को बढाने में मदद करते हैं। हालांकि इनकी संख्या में अब लगातार कमी आ रही है। मिट्टी की पोषक क्षमता को बनााए रखने के लिए इनके संरक्षण की विशेष आवश्यकता है।