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Study : ब्रह्माण्‍ड में मिली आकाशगंगा से भी 13 हजार गुना बडी आकृ‍ति !

हाल ही में शोधकर्ताओं ने ब्रह्माण्‍ड में एक ऐसी संरचना की खोज की है, जो 1.3 बिलियन प्रकाश वर्ष तक फैली हुई है। इसकी आक्रति आकाशगंगा से भी 13 गुना ज्‍यादा है।

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Suraj Kumar
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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ब्रह्माण्‍ड रहस्‍यों से भरा है। वैज्ञानिक इसके विज्ञान को समझने का लगातार प्रयास करते रहे हैं। हाल ही में शोधकर्ताओं ने ब्रह्माण्‍ड में एक ऐसी संरचना की खोज की है, जो 1.3 बिलियन प्रकाश वर्ष तक फैली हुई है। शोधकर्ताओं ने इसको क्‍वीप नाम दिया है। इस महत्‍वपूर्ण खोज को जर्मनी के शोधकर्ताओं ने अंजाम दिया है। उनका कहना है कि इसका आकार आकाशगंगा मिल्‍की वे से भी 13 गुना ज्‍यादा है।

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क्‍वीप समेत 4 स्‍ट्रक्‍चर की खोज की  

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लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक हांस बोहरिंगर और उनकी टीम ने ‘क्लासिक्स क्लस्टर सर्वे’ का इस्तेमाल कर यह खोज की। टीम ने एक्स-रे गैलेक्सी क्लस्टर्स के जरिए क्‍वीप  समेत चार सुपर स्ट्रक्चर की पहचान की। गैलेक्सी क्लस्टर्स में सैकडों गैलेक्सियां होती हैं। उनकी गर्म गैस एक्स-रे का उत्सर्जन करती हैं। इन्हीं एक्स-रे के सहारे वैज्ञानिकों ने सबसे घने इलाकों की खोज की। इस तकनीक के जरिए वैज्ञानिकों को पता चला कि क्‍वीप लंबा फिलामेंट है। इसमें कई और फिलामेंट जुड़े हुए हैं।

लैम्डा-सीडीएम मॉडल के जरिए समझी घटना 

वैज्ञानिकों के मुताबिक क्‍वीप जैसे सुपरस्ट्रक्चर हमारे ब्रह्मांड की घटनाओं और कॉस्मोलॉजिकल मॉडल्स को काफी प्रभावित करते हैं। लैम्डा-सीडीएम मॉडल पर आधारित सिमुलेशन क्‍वीप जैसे सुपरस्ट्रक्चर की उत्पत्ति कर सकता है। लैम्डा-सीडीएम ब्रह्मांड की संरचना को समझाने वाला प्रमुख मॉडल है। वैज्ञानिकों का मानना है कि क्‍वीप जैसे सुपरस्ट्रक्चर भविष्य में छोटे-छोटे क्लस्टर्स में विभाजित हो सकते हैं।

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ये संरचना ब्रह्माण्‍ड के 13 फीसदी हिस्‍से को करता है 

सुपरस्ट्रक्चर अपने अंदर गैलेक्सी कल्सर्टस और सुपरक्लस्टर्स को समाहित रखते हैं। इनका आकार और वजन इतना ज्यादा होता है कि ब्रह्मांड की संरचना को चुनौती दे सकते हैं। कुछ सुपरस्ट्रक्चर कॉस्मोलॉजिकल मॉडल्स को तोडने में सक्षम होते हैं। सुपरस्ट्रक्चर पूरे ब्रह्मांड का 13 फीसदी वॉल्यूम कवर करते हैं।

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