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Facebook बना लोगों की जरूरत, Mark Zuckerberg ने कैसे बदल दिया दुनिया का चेहरा?

चार फरवरी का दिन सोशल मीडिया के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज है। इसी दिन साल 2004 में मार्क जुकरबर्ग ने अपने तीन साथियों के साथ एक वेबसाइट ‘फेसबुक’ को लॉन्च किया था, जिसने बाद में दुनिया का चेहरा बदलकर रख दिया।

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Manish Tilokani
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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पिछले दो दशक में टेक्नोलॉजी ने जिस रफ्तार से तरक्की की है, उसने लोगों की जीवनशैली को एकदम बदल दिया। फोन, कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी सुविधाओं ने दुनिया को आपके हाथ पर लाकर रख दिया है। सोशल मीडिया की दुनिया में चार फरवरी का एक खास महत्व है। इस दिन ने लोगों की सोशल लाइफ में जो बदलाव किए है, वो अभूतपूर्व है। दरअसल आज ही के दिन साल 2004 में मार्क जुकरबर्ग ने हावर्ड यूनिवर्सिटी में अपने साथ पढ़ने वाले तीन दोस्तों के साथ मिलकर बनाई वेबसाइट 'फेसबुक' को लांच किया था। तीन दोस्तों द्वारा शुरू किए गए इस सोशल मीडिया ऐप 'फेसबुक' ने दुनियाभर के दोस्तों की दूरियां मिटा दी। हालांकि इसने लोगों को 'लाइक्स' और 'शेयर्स' के जंजाल में भी फंसा दिया हैं। हालत यह है कि दुनिया के अरबों लोग अपनी हर गतिविधि को 'शेयर' करते हैं और यही उनकी दुनिया बन गई है। जुकरबर्ग ने फेसबुक के जरिए दुनिया को एक नई शक्ल दी है और मेटा के आने के बाद, इस शक्ल में और बदलाव होना निश्चित ही है। 

कैसे हुई फेसबुक की शुरुआत?

साल 2003 में मार्क जुकरबर्ग हावर्ड विश्वविद्यालय में एक स्टूडेंट थे। मार्क ने हार्वड स्टूडेंट की डायरेक्टरी सर्वेर को हैक कर उसमें जितनी प्रोफाइल थी, उन्हें एकत्रित कर एक नई साइट 'फेशमैस' बनाई। इस मजाकिया प्लेटफॉर्म पर सुंदर लड़कियों की तस्वीरों को लगाया जाता था और उस पर वोटिंग होती थी कि उनमें से सबसे ज्यादा आकर्षक कौन है? इसके विषय में जैसे ही हावर्ड के प्रबंधन को पता चला उन्होंने तुरंत वेबसाइट को बंद करवा दिया। इसके बाद साल 2004 में मार्क जुकरबर्ग ने अपने तीन साथियों (डीउस्टिन मोस्कोवीटज, एडुआर्ड़ो सवेरिन और क्रिस ह्यूज) के साथ पार्टनरशिप कर फरवरी 2004 में फेसबुक डॉट कॉम की शुरुआत की।

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मजाक में बनी वेबसाइट ने बदल दी दुनिया

फेसबुक की शुरुआत केवल हावर्ड यूनिवर्सिटी के बच्चों के लिए की गई थी। हालांकि बाद में बड़े पैमाने पर दूसरे यूनिवर्सिटी के छात्र भी इसमें शामिल होने लगे। फेसबुक का बड़ी तेजी से विस्तार हुआ और देखते ही देखते इसका प्रसार प्रचार पूरी दुनिया में होने लगा। इसी बीच दिव्या नरेंद्र, ट्विन्स कैमरन और टायलर विंकलवॉस ने मार्क जुकरबर्ग पर ये आरोप लगाया कि जुकरबर्ग ने उनके आइडिया को चोरी करके वेबसाइट बनाई है। हालांकि बाद में दोनों पक्षों के बीच इसे लेकर कोर्ट में सैटलमेंट हुआ। साल 2010 तक आते आते फेसबुक का नाम दुनिया के सभी देशों में जाना जाने लगा था। उसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए फेसबुक का शेयर प्राइस आसमान छू रहा था।

पूरे विश्व में बजता है फेसबुक का डंका 

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आज दुनियाभर में बड़े पैमाने पर फेसबुक का इस्तेमाल किया जा रहा है। टेक्स्ट, फोटो, विडियो, तक तरह की चीज फेसबुक पर शेयर की जा रही हैं। फेसबुक के आने से दुनिया की तस्वीर बदल दी है। हाल ही में फेसबुक ने अपना नाम बदलकर मेटा (Meta) रखा है। कंपनी की ये महत्वाकांक्षा है कि वह भविष्य में अपने प्लेटफॉर्म को एक मेटावर्स बनाए। मेटावर्स एक टर्म है, जिसका आशय इंटरनेट के अगले चरण के विकास से है, जिसमें रियलिटी को एक नया रूप दिया जाएगा। इस कारण लोग वर्चुअल रूप से एक दूसरे के साथ सोशल और बिजनेस इंगेजमेंट कर सकेंगे। 

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