नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
हमारे आस-पास कई अरब चार्ज्ड पार्टीकल्स इलेक्ट्रोन और प्रोटोन के रूप में घूमते रहते हैं। ये पार्टीकल्स प्रकाश की गति से भी तेज चल सकते हैं। आमतौर पर ये पृथ्वी से हजारों किलोमीटर दूर रहते हैं और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के कारण वहाँ फँस जाते हैं। हालांकि कभी- कभी कुछ ऐसा होता है,जिससे ये इलेक्ट्रोन के ये कण प्रथ्वी के वायुमण्डल में आ जाते हैं। शोधकर्ता वैन एलन ने बताया कि अंतरिक्ष में चमकने वाली बिजली इन इलेक्ट्रोन को ट्रिगर कर देती है, जिसके कारण ये धरती पर आ जाते हैं। बिजली चमकने की घटना को जानने के लिए वैज्ञानिकों ने इसको लेकर एक शोध किया।
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शोध में सामने आई ये बात
1950 में आयोवा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेम्स वान एलन और उनकी टीम को संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले उपग्रह, एक्सप्लोरर 1 पर उड़ान भरने पर एक प्रयोग किया। उन्होंने Cosmic ray का अध्ययन करने के लिए सेंसर डिजाइन किए, जो सूर्य, आकाशगंगा या उससे परे Highly charged Particles के कारण होता है।
कई वैज्ञानिकों का मानना है "कोरस" नामक की Electromagnetic radiation इन इलेक्ट्रॉनों को उनकी कक्षा से बाहर वायुमंडल की ओर भेज भेज देती है। इन्हें कोरस तरंगें इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे इनसे गाने या चहचहाने की आवाज आती है।
ऐसे चमकती है बिजली
बिजली, एक Electromagnetic discharge के कारण पैदा होने वाला एक तूफान है, जिससे आकाश रोशन होता है। , वास्तव में यह विद्युत चुम्बकीय तरंगों के कारण होता है। जिसे हम बिजली चमकना कहते हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि पृथ्वी पर मौसम और अंतरिक्ष में मौसम में कनेक्शन में अंतरिक्ष में मौजूद इलेक्ट्रॉन के कारण होता है। सौर गतिविधि पृथ्वी के radiation belt को प्रभावित करती हैं। ये अंदर के बेल्ट को बहुत high energy electrons से भर देती हैं। जब बिजली इन इलेक्ट्रॉनों के संपर्क में आती है, तो उससे तेज विस्फोट होता है।
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