नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
धरती के चुम्बकीय क्षेत्र से गाने जैसी आवाज आती है। यह सुनकर आप चौक जाएंगे लेकिन नासा के वैज्ञानिकों ने इसको लेकर एक अध्ययन किया है। उनका कहना है कि जब इन चुम्बकीय तरंगों को ऑडियो सिग्नल में बदला जाता है, तो इससे अजीबोगरीब पक्षियों के चहचहाने जैसी आवाज आती है। भौतिक विज्ञानी इन चुम्बकीय तरंगो को "कोरस तरंगें" बता रहे हैं। यह आवाज सेकंड के कुछ दसवें हिस्से तक ही रहती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि यह सुनने में अच्छा लग सकता है, लेकिन इससे कक्षाओं में मौजूद सैटेलाइट को खतरा हो सकता है।
शोध में सामने आई बात
चीन के बेइहांग विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञानी सी.एम. लियू के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के एक दल ने हाल ही में किसी विशेष जगह से उभरने वाली कोरस तरंग को मापा, तथा इस सिद्धांत के एक महत्वपूर्ण हिस्से की पुष्टि की और ये जानने की कोशिश की कि ये विचित्र तरंगें कैसे बनती हैं। हाल ही में नासा के मैग्नेटोस्फेरिक मल्टीस्केल मिशन के चार उपग्रहों ने पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में लगभग 102,526 मील (165,000 किलोमीटर) से दूर एक जगह पर आने वाली कोरस तरंगों की माप की। .
विशेषज्ञों का क्या है कहना
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञानी रिचर्ड हॉर्न, ने इसको लेकर टिप्पणी करते हुए एक पेपर में लिखा, "यह खोज मौजूदा सिद्धांत को खारिज नहीं करती है, क्योंकि अपेक्षित चुंबकीय क्षेत्र ढाल अभी भी मौजूद हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब है कि वैज्ञानिकों को इस पर करीब से नज़र डालने की ज़रूरत है । "
सैटेलाइट के लिए हो सकता है खतरा
शोधकर्ता इसके बारे में लम्बे समय से खोज कर रहे हैं। उनके लिए ये पिछले 70 सालों से रहस्य का विषय बना हुआ है। कभी- कभी कोरस की ये तरंगो चुम्बकीय क्षेत्र में बेतहासा घूमती हैं, उपग्रहों के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।
प्रमुख शोधकर्ता हॉर्न ने कहा , "इन उच्च ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉनों को 'किलर इलेक्ट्रॉन' के नाम से जाना जाता है क्योंकि इनसे कई उपग्रहों को नुकसान पहुंचा है, जिसकी कीमत सैकड़ों मिलियन डॉलर है।"
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