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लाइट और मैटर के सम्‍पर्क में आने से क्‍या होता है ? Thomas Folland के माइक्रोस्‍काेप से चलेगा पता

आयोवा विश्वविद्यालय की एक भौतिकी टीम ने एक विशेष माइक्रोस्कोप तैयार किया है जो लाइट और मैटर के बीच की होने वाले इंटरैकशन का सटीक अध्ययन कर सकता है

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Suraj Kumar
LIGHT AND MATTER BY MICROSCOPE
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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हमारे आस-पास मौजूद हर चीज में भौतिकी का कोई न कोई नियम तो लागू होता ही होगा।  हाल की में आयोवा विश्वविद्यालय की एक भौतिकी टीम ने एक विशेष माइक्रोस्कोप तैयार किया है जो लाइट और मैटर के बीच की होने वाले इंटरैकशन का सटीक अध्ययन कर सकता है।  यह उन उपकरणों के बारे में  भी बता सकता है जिनका हम घर में उपयोग करते हैं।  जैसे टेलीविजन और सौर पैनल

Earth के इस बदलाव से आप भूल जाएंगे घर का रस्‍ता !

बहुत छोटी संरचनाओं का करेगा विश्लेषण 

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भौतिकी और खगोल विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर थॉमस फोलैंड के नेतृत्व में एक टीम द्वारा डिज़ाइन किया गया इन्फ्रारेड क्रायो-माइक्रोस्कोप,  विभिन्न उपकरणों के गुणों का ठीक से  माप करने के लिए ऑफ-द-शेल्फ एलीमेंट का उपयोग करता है। इन गुणों में पोलरिटॉन शामिल हैं, जो quasiparticle हैं जो लाइट और मैटर के बीच मजबूत बौंड से पैदा होते हैं। इन्फ्रारेड माइक्रोस्कोपी का क्षेत्र बहुत छोटी संरचनाओं का रासायनिक विश्लेषण करने के लिए प्रकाश और तापमान के कई रंगों का उपयोग करता है। 

नए  मैटर के बारे में भी पता चल सकेगा 

माइक्रोस्कोप कई नए पदार्थों जैसे , बोरॉन नाइट्राइड के तापमान गुणों की जांच आसानी से कर सकता है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में जो विधि विकसित की और उसका वर्णन किया, उससे  यह समझने में मदद मिली कि इस पदार्थ के ऑप्टिकल गुण तापमान के साथ कैसे बदलते हैं,

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फोलैंड कहते हैं। "इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि जब प्रकाश पदार्थ से होकर गुजरता है तो क्या होता है। उन्‍हौंने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन द्वारा To be funded  कार्यक्रम के तहत एकत्रित जानकारी का उपयोग करके गर्मी के लिए अधिक कुशल डिटेक्टर विकसित करने की योजना बनाई है, जहां बोरॉन नाइट्राइड डिटेक्टर की क्षमता में सुधार करता है।  "  

माइक्रोस्कोप के डिजाइन को  "क्रायोजेनिक एफटीआईआर माइक्रो-स्पेक्ट्रोस्कोपी नाम दिया गया है। 

यह भी देखें: Arctic Ocean में समा सकते हैं 6 इंग्‍लैंड , नए Map से वैज्ञानिक हैरान

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