नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
बारिश के मौसम में बिजली गिरने से जान-माल का काफी नुकसान होता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हाल ही में इसरो ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है। जिससे कहां बिजली गिरेगी इसकी जानकारी पहले ही मिल जाएगी। लोगो को पहले ही अलर्ट मिलने पर इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा। इसरो की तरफ से बताया गया है कि भारतीय भूमिस्थिर उपग्रहों के डेटा को कलेक्ट करके बिजली गिरने की के पूर्वानुमान का पता लगाने में सफलता मिली है। इस उपलब्धि को इसरो के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र ने हासिल की है।
इतने समय पहले ही मिल जाएगी अलर्ट
इस नई तकनीक से लागों को काफी मदद मिलगी। राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र के वैज्ञानिकों इनसैट-3डी उपग्रह से प्राप्त 'आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन'में खास तरह के संकेत देखे। वैज्ञानिकों ने पाया जब OLR की स्पीड में कमी मिलती है तो इससे आकाशीय बिजली गिरने की संभावना बनती है। नई तकनीक के जरिए बिजली गिरने से करीब 2.5 घंटे पहले पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। इसरो की इस नई तकनीक से आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्र में अहम मदद मिलने वाली है।
ऐसे चलेगा पता
इस तकनीक के सहारे मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। आपको बता दें कि बिजली गिरने का पता लगाने में और सुधार करने के लिए, टीम ने भूमि सतह तापमान (LST) और हवा सहित अतिरिक्त मापदंडों को शामिल किया, इसका एक मात्र उद्देश्य इसके पूर्वानुमान की सटीकता को बढ़ाना था। 2.5 घंटे पहले मिली जानकारी से काफी मदद मिलेगी। इससे दुर्घटनाओं के सयम को को टाला जा सकेगा।
तकनीक की विशेषताएं:
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उपग्रह आधारित निगरानी: इसरो के उपग्रहों के माध्यम से वायुमंडलीय स्थितियों की निरंतर निगरानी की जाती है, जिससे संभावित आकाशीय बिजली की घटनाओं का पूर्वानुमान संभव होता है।
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चेतावनी प्रणाली: पूर्वानुमान के आधार पर, संबंधित अधिकारियों और जनता को समय पर चेतावनी दी जाती है, जिससे सुरक्षा उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है।