Advertisment

Satya Nadella ने बताई माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी गलती, बोले - हम चूक गए, गूगल ने कर दिखाया

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने स्वीकार किया कि उनकी सबसे बड़ी गलतियों में से एक यह थी कि वे इंटरनेट पर सर्च इंजन के दबदबे को सही समय पर नहीं समझ पाए। गूगल ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया ।

author-image
YBN News
Microsoft
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, आईएएनएस ।

Advertisment

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने स्वीकार किया कि उनकी सबसे बड़ी गलतियों में से एक यह थी कि वे इंटरनेट पर सर्च इंजन के दबदबे को सही समय पर नहीं समझ पाए। गूगल ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और इसे अपने सबसे बड़े व्यवसाय के रूप में विकसित किया। 

Artificial Intelligence: क्‍या मशीनें भी हो सकता है डिमेंशिया ?

वेब हमेशा डिसेंट्रलाइज्ड रहेगा

Advertisment

नडेला ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट ने शुरुआत में यह सोचा था कि वेब हमेशा डिसेंट्रलाइज्ड रहेगा, यानी अलग-अलग वेबसाइट स्वतंत्र रूप से काम करेंगी। लेकिन वे यह नहीं समझ पाए कि सर्च इंजन ही वेब का सबसे महत्वपूर्ण बिजनेस मॉडल बन जाएगा। उन्होंने इसे एक बड़ा सीखने वाला अनुभव बताया और कहा, "हमने वेब पर सबसे बड़े बिजनेस मॉडल को समझने में चूक कर दी, क्योंकि हमने मान लिया था कि वेब सिर्फ स्वतंत्र रूप से बंटा हुआ रहेगा।"

Bill Gates भी हो चुके हैं इस मानसिक बीमारी का शिकार

यूट्यूबर द्वारकेश पटेल संग हुई बात

Advertisment

यूट्यूबर द्वारकेश पटेल के साथ बातचीत में नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने सर्च इंजन की अहमियत को कम आंका, जबकि गूगल ने इसे सही समय पर पहचान कर अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक लागू किया। नडेला ने कहा, "कौन सोच सकता था कि सर्च इंजन वेब को व्यवस्थित करने का सबसे बड़ा तरीका बन जाएगा?"

माइक्रोसॉफ्ट इसे समय पर नहीं समझ सका

उन्होंने माना कि माइक्रोसॉफ्ट इसे समय पर नहीं समझ सका, जबकि गूगल ने इसे पहचाना और बेहतरीन तरीके से लागू किया। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ तकनीकी बदलाव को समझना काफी नहीं है, बल्कि यह भी पहचानना जरूरी है कि असली लाभ कहां मिलेगा। नडेला ने यह भी कहा कि व्यापार के तरीकों में बदलाव लाना, नई तकनीक सीखने से ज़्यादा मुश्किल होता है। 

Advertisment

कई बड़े तकनीकी बदलावों को याद किया

उन्होंने अपने करियर में आए कई बड़े तकनीकी बदलावों को याद किया, जैसे मेनफ्रेम कंप्यूटर से पर्सनल कंप्यूटर तक का सफर और उसके बाद क्लाइंट-सर्वर आर्किटेक्चर का विकास। उन्होंने वेब के उभरने पर भी चर्चा की और बताया कि कैसे मोज़ेक और नेटस्केप जैसे ब्राउजर आने के बाद माइक्रोसॉफ्ट को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी। 1992 में सन माइक्रोसिस्टम्स में काम करने के बाद माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ने वाले नडेला ने तकनीकी दुनिया के कई बदलाव देखे हैं। उन्होंने मैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है, यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से एमबीए किया है।

 

Advertisment
Advertisment