नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर मानव जीवन की संभावना को लेकर वैज्ञानिक कई सालों से अध्ययन कर रहे हैं। इसको लेकर अभी तक बहुत से दावे सामने आए हैं। अभी हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध में मंगल ग्रह पर पानी होने का दावा किया गया है।
इतने साल पुराना है पानी
वैज्ञानिकों को इस ग्रह पर जमी हुई बर्फ के साथ-साथ पानी के साक्ष्य भी मिले हैं। शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मंगल ग्रह पर वेव रिपल्स( लहरों द्वारा मिट्टी पर बनाई गई आक्रति) होने के सबूत मिले हैं जो पानी और हवाओं के द्वारा बनाए गए थे। इन सबूतों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि इनसे पता चलता है कि लगभग 3.7 अरब साल पहले यहां पानी का स्त्रोत था। प्रमुख शोधकर्ता क्लेयर मोंड्रो ने बताया कि बिना पानी के लहरें बन ही नहीं सकती, इससे वहां पर वायुमण्डल होने को सबूत भी मिलता है।
Mars की इस Mystery को नहीं जानते होंगे आप
झील होने का सबूत मिला
कैलटेक के भूविज्ञान प्रोफेसर डॉ. माइकल लैम्ब ने मंगल ग्रह की झील के आकार का अनुमान लगाने के लिए इन वेव रिपल्स के आधार पर बड़ी मेहनत से कंप्यूटर मॉडल तैयार किए । उन्होंने धरती पर पानी और एटमोस्फीयर के इंटरैक्शन की स्टडी की। इससे पता चलता है कि यह झील लगभग 6 मिलीमीटर ऊंची और लगभग 6.5 फीट गहरी थी। इस मॉडल से मंगल पर पानी होने के प्रमाण को बल मिलता है। ग्रह पर पानी होने की संभावन से इस बात की भी संभावना है कि इस जीव जन्तु भी होंगे।
अंतरिक्ष मिशन में मिलेगी मदद
मंगल ग्रह पर पानी मिलने से वहां पर सिर्फ जीवन की ही संभावना नहीं बढ जाती बल्कि कि इससे आने वाले समय में अंतरिक्ष यात्रियों को भी बहुत फायदा होगा। पानी ऑक्सीजन और रॉकेट ईंधन बनाने के लिए महत्वपूर्ण कारक है। मंगल ग्रह पर वेव रिपल्स पहली बार 2022 में सामने आई थी। नाशा के रोवर ने इस महत्वपूर्ण घटना की खोज की थी।
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