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Air India Plane Crash: वोटिंग से हुआ था ड्रीमलाइन का नामकरण, दागदार रहा है कंपनी का इतिहास

Boeing कंपनी का 787 ड्रीमलाइनर साल 2011 में पहली बार सेवा में आया था। यानी 787 ड्रीमलाइनर ने पिछले 14 साल तक बिना किसी गंभीर हादसे के 10 बिलियन से ज्यादा यात्रियों को ढोया। अहमदाबाद प्लेन क्रैश से पहले इसके नाम कोई मौत दर्ज नहीं थी।

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Mukesh Pandit
Boeing का काला इतिहास
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बोइंग 787 ड्रीमलाइनर आधुनिक एविएशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे "फ्यूचर प्लेन" कहा जाता है। यह अपने उन्नत डिज़ाइन, ईंधन दक्षता, और यात्री सुविधाओं के लिए जाना जाता है। हालांकि, इसके इतिहास में कुछ तकनीकी समस्याएं और हाल ही में एक घातक हादसा भी शामिल है। आइए जानते हैं 108 साल पुरानी कंपनी का इतिहास,  बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का आगमन, खासियतें और हादसों की संख्या। असल में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की कहानी 2003 में शुरू हुई, जब बोइंग ने पुराने बोइंग 767 को प्रतिस्थापित करने के लिए एक नए, ईंधन-कुशल, लंबी दूरी के विमान की योजना बनाई। प्रोजेक्ट को शुरू में "7E7" नाम दिया गया था। बोइंग ने इस विमान का नामकरण करने के लिए एक अनूठा कदम उठाया। वर्ष 2003 में एक वैश्विक ऑनलाइन वोटिंग अभियान शुरू किया गया, जिसमें 5 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस अभियान के परिणामस्वरूप विमान का नाम "ड्रीमलाइनर" रखा गया। । हालांकि यह भी सच है कि 108 साल पुरानी कंपनी, 6000 क्रैश और 9000 से ज्यादा मौतें इस कंपनी के नाम दर्ज हैं।

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15 दिसंबर को भरी थी पहली उड़ान

15 दिसंबर 2009 को बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने अपनी पहली परीक्षण उड़ान भरी। इसके बाद, 26 अक्टूबर 2011 को, जापान की ऑल निप्पॉन एयरवेज (ANA) को पहला ड्रीमलाइनर सौंपा गया, जिसने इसे व्यावसायिक उड़ानों में शामिल किया। ड्रीमलाइनर को लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिज़ाइन किया गया था, जो इसे अंतरराष्ट्रीय मार्गों की यात्रा के योग्य बनाता है। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर आधिकारिक तौर पर 2011 में बाजार में आया, जब पहला 787-8 मॉडल ANA को डिलीवर किया गया। इसके बाद, 787-9 (2014 में) और 787-10 (2018 में) जैसे अन्य वेरिएंट भी लॉन्च किए गए। मई 2025 तक, बोइंग को 787 ड्रीमलाइनर के लिए 2,137 ऑर्डर मिल चुके थे, जिनमें से 1,189 विमानों की डिलीवरी हो चुकी थी। यह विमान अपनी उन्नत तकनीक और ईंधन दक्षता के कारण दुनिया भर की एयरलाइनों, जैसे एयर इंडिया, ब्रिटिश एयरवेज, और एतिहाद0 के बीच लोकप्रिय है।

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की कई विशेषताएं 

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  1. हल्के और मजबूत सामग्री: ड्रीमलाइनर का लगभग 50% हिस्सा कार्बन फाइबर और अन्य कम्पोजिट सामग्रियों से बना है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाता है। यह वजन कम करने में मदद करता है, जिससे ईंधन की खपत 20-25% तक कम होती है।
  2. ईंधन दक्षता: यह पुराने विमानों की तुलना में 20% कम ईंधन खपत करता है, जिससे एयरलाइनों की लागत कम होती है और पर्यावरण पर प्रभाव भी कम पड़ता है। इसकी अधिकतम रेंज 13,620 किलोमीटर है, जो दिल्ली से न्यूयॉर्क या लंदन जैसे लंबे मार्गों के लिए आदर्श है।
  3. बड़ी खिड़कियां: ड्रीमलाइनर की खिड़कियां (27x47 सेमी) किसी भी वाणिज्यिक विमान में सबसे बड़ी हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक डिमेबल विंडो (EDW) से लैस हैं, जो यात्रियों को प्रकाश को नियंत्रित करने की सुविधा देती हैं।
  4. बेहतर केबिन प्रेशर:केबिन का दबाव 1,900 मीटर की ऊंचाई जैसा रखा जाता है, जिससे ऑक्सीजन का स्तर 8% अधिक रहता है। इससे यात्रियों को लंबी उड़ानों में कम थकान महसूस होती है।
  5. कम शोर: ड्रीमलाइनर का केबिन डिज़ाइन और इंजन तकनीक शोर को कम करता है, जिससे यात्रा अधिक आरामदायक होती है।
  6. उन्नत इंजन: इसमें जनरल इलेक्ट्रिक GEnx-1B या रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 इंजन का उपयोग होता है, जो उच्च प्रदर्शन और दक्षता प्रदान करते हैं।
    यात्री क्षमता: 787-8 मॉडल में 210-250 सीटें होती हैं, जबकि 787-9 और 787-10 में क्रमशः 250-290 और 310-330 सीटें होती हैं।
  7. आधुनिक कॉकपिट: कॉकपिट में उन्नत तकनीक और डिजिटल डिस्प्ले हैं, जो पायलटों के लिए उड़ान को अधिक सुरक्षित और आसान बनाते हैं।
  8. पर्यावरण के अनुकूल: कम ईंधन खपत और कार्बन उत्सर्जन के कारण यह पर्यावरण के लिए बेहतर है।
  9. हादसों का इतिहास: बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को शुरू में दुनिया के सबसे सुरक्षित विमानों में से एक माना जाता था। 2011 से 2025 तक, इसके 14 साल के इतिहास में यह पहली बार था कि इस मॉडल का कोई विमान घातक हादसे का शिकार हुआ। 

plane crash

अहमदाबाद हादसे उठे सवाल

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एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी, अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद यह मेघानीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। इस हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई, और एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया। यह ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा था, जिसने बोइंग की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। प्रारंभिक जांच में टेक्निकल खराबी, जैसे फ्लैप्स की गड़बड़ी, को संभावित कारण माना जा रहा है। इस हादसे ने बोइंग के शेयरों में 8% की गिरावट ला दी और कंपनी की निर्माण प्रक्रिया पर सवाल उठे।

Boing 787

पिछली तकनीकी समस्याएं:

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2013 में बैटरी समस्या: जनवरी 2013 में, लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की दो घटनाएं सामने आईं, जिनमें जापान एयरलाइंस का एक विमान बोस्टन में और ऑल निप्पॉन एयरवेज का एक विमान शामिल था। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने सभी ड्रीमलाइनर उड़ानों पर तीन महीने के लिए रोक लगा दी। भारत में DGCA ने भी एयर इंडिया के छह ड्रीमलाइनर को ग्राउंड कर दिया।
2024 में अन्य समस्याएं: एक बोइंग इंजीनियर, सैम सालेहपुर, ने 787 के धड़ असेंबली में खामियों की चेतावनी दी थी, जिसमें गलत तरीके से हिस्सों को जोड़ा गया था। इससे विमान की उम्र और सुरक्षा प्रभावित हो सकती थी।
हाइड्रोलिक लीकेज और फ्लैप फेलियर: 2025 की शुरुआत में, रजिस्ट्रेशन नंबर N819AN वाले ड्रीमलाइनर में हाइड्रोलिक लीकेज और फ्लैप फेलियर जैसी समस्याएं देखी गईं, जिसके कारण कई उड़ानें रद्द हुईं।

Boing 787

अन्य गैर-घातक घटनाएं

मार्च 2024 में, LATAM एयरलाइंस के एक 787 ड्रीमलाइनर ने सिडनी-ऑकलैंड उड़ान के दौरान अचानक नीचे गिरावट का सामना किया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हुए।
हालांकि, अहमदाबाद हादसे से पहले, ड्रीमलाइनर का कोई घातक हादसा दर्ज नहीं था, और इसे 10 बिलियन से अधिक यात्रियों को सुरक्षित रूप से ढोने का श्रेय दिया जाता है।

वर्तमान स्थिति और जांच

अहमदाबाद हादसे की जांच DGCA और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा शुरू कर दी गई है। ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) की तलाश जारी है, जो हादसे के कारणों को स्पष्ट कर सकता है। बोइंग ने बयान जारी कर एयर इंडिया को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर एक तकनीकी चमत्कार है, जो अपनी ईंधन दक्षता, यात्री सुविधाओं, और लंबी दूरी की उड़ानों के लिए जाना जाता है। इसका इतिहास नवाचार और चुनौतियों से भरा है। 2011 में बाजार में आने के बाद से, यह दुनिया भर की एयरलाइनों का पसंदीदा विमान रहा है। हालांकि, 2013 की बैटरी समस्याओं और हाल के हादसे ने इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। अहमदाबाद हादसा इसका पहला घातक क्रैश था, जिसने बोइंग की निर्माण प्रक्रिया और सुरक्षा मानकों पर गंभीर बहस छेड़ दी है। भविष्य में, बोइंग को अपनी प्रक्रियाओं को और पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की आवश्यकता होगी ताकि ड्रीमलाइनर का "सपनों का विमान" वाला वादा कायम रहे। हालांकि यह भी सच है कि 108 साल पुरानी कंपनी, 6000 क्रैश और 9000 से ज्यादा मौतें इस कंपनी के नाम दर्ज हैं। : air india flight crash ahmedabad | ahmedabad plane crash live | ahmedabad mein plane crash | ahmedabad plane crash air india | air india flight crash in ahmedabad | air india plane crash in ahmedabad

 

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