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आपराधिक आरोपों पर पीएम-सीएम और केंद्रीय मंत्रियों को हटाने का बिल आज पेश, कांग्रेस ने जताया विरोध

यदि प्रधानमंत्री, कोई केंद्रीय मंत्री, कोई मुख्यमंत्री या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का मंत्री गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा या स्वतः पद से हटा माना जाएगा।

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Mukesh Pandit
AMit Shah in Lok sabha

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह। File

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। केंद्र की प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकर गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या राज्य मंत्री को हटाने के लिए लोकसभा में आज विधेयक पेश करेगी। अब तक संविधान के तहत केवल वे जनप्रतिनिधि, जिन्हें दोषी ठहराया गया हो, उन्हें ही पद से हटाया जा सकता था, लेकिन नए प्रस्तावित बिल में प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, कोई केंद्रीय मंत्री, कोई मुख्यमंत्री या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का मंत्री गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा या स्वतः पद से हटा माना जाएगा। इस बिल को लेकर नया सियासी तूफान खड़ा हो सकता है।

शाह बुधवार को पेश करेंगे तीन मसौदा बिल

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह बुधवारको लोकसभा में तीन मसौदा विधेयक पेश करेंगे। ये बिल हैं- संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेशों का शासन (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक। शाह इन तीनों विधेयकों को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी रखेंगे, जिसमें अगली संसदीय सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का प्रावधान होगा।

कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया

आधी रात को ये खबर आते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, ''क्या दुष्चक्र है! गिरफ्तारी के लिए कोई दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया! विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी धड़ाधड़ और असंगत रूप से हो रही है। नए प्रस्तावित कानून के तहत मौजूदा मुख्यमंत्री आदि को गिरफ्तारी होते ही तुरंत हटा दिया जाएगा।''

विपक्ष को अस्थिर करने की मंशा

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सिंघवा ने आगे कहा, ''विपक्ष को अस्थिर करने का सबसे आसान तरीका यही है कि पक्षपाती केंद्रीय एजेंसियों को विपक्षी मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी के लिए छोड़ दिया जाए और चुनावी मैदान में हराने में असफल होने के बावजूद, उन्हें मनमानी गिरफ्तारियों के ज़रिए हटा दिया जाए!! और सत्ता पक्ष के किसी भी मौजूदा मुख्यमंत्री को कभी छुआ तक नहीं जाता!!'' amit saha | amit shah bjp | Amit Shah in Parliament | CM removal bill | PM removal bill not present in content

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