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संषर्घ विराम के फैसले के बचाव में आए रक्षा विशेषज्ञ, बोले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लिया था

रक्षा विशेषज्ञों ने साफ तौर पर कहा है कि‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने अपने "उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया", जिसके लिए इसे शुरू किया गया था और इसे कुछ समय बाद रोक दिया गया, क्योंकि इससे घरेलू अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता था। 

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Mukesh Pandit
OPERATION SINDOOR INDIA PAKISTAN BORDER TENSION
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर उठरहे तमाम सवालों पर विराम लगाने के लिए देश के कुछ रक्षा विशेषज्ञ मैदान में बचाव के लिए उतर आए हैं। कई रक्षा विशेषज्ञों ने साफ तौर पर कहा है कि‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने अपने "उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया", जिसके लिए इसे शुरू किया गया था और इसे कुछ समय बाद रोक दिया गया, क्योंकि इससे घरेलू अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता था।

हाल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-मद्रास के एक कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के संबोधन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया, जिसमें उन्होंने सैन्य कार्रवाई की कुछ बारीकियों को साझा किया, जिसके बाद कई सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने अपने विचार साझा किए। 

सेना प्रमुख ने शतरंज और क्रिकेट की उपमाओं से समझाया

सेना प्रमुख ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर मई में शुरू किए गए अभियान के मुख्य पहलू पर ज़ोर देने के लिए शतरंज और क्रिकेट की उपमाओं का इस्तेमाल किया। इस अभियान के परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक सैन्य संघर्ष चला, जो 10 मई को दोनों पक्षों के बीच एक समझौते पर पहुंचने के बाद खत्म हुआ। 

लंबा चलता तो अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता

लेफ्टिनेंट जनरल शंकर प्रसाद (सेवानिवृत्त) ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "ऑपरेशन सिंदूर ने वह उद्देश्य हासिल कर लिया जिसके लिए इसे शुरू किया गया था। यह उद्देश्य था हमारी सेना द्वारा चिह्नित आतंकी शिविरों को नष्ट करना और आतंकवादियों तथा उन्हें बढ़ावा देने वालों को स्पष्ट संदेश देना।" उन्होंने कहा, "किसी भी युद्ध से संघर्ष में शामिल देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता है। अगर भारत संघर्ष को लंबा खींचता रहता, तो क्या इससे हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचता, जो इस समय बढ़ रही है? निश्चित रूप से होता।" 

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लेफ्टिनेंट जनरल प्रसाद ने रूस-यूक्रेन युद्ध में हुई तबाही का हवाला देते हुए इसके निहितार्थों को रेखांकित किया। कई रक्षा विशेषज्ञों ने तर्क दिया कि जो लोग ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें भौतिक और मानवीय नुकसान के संदर्भ में और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के संदर्भ में युद्ध के निहितार्थों की "समझ नहीं है।" 

मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों और आतंकवाद को परास्त करना

मेजर जनरल पी के सहगल (सेवानिवृत्त) ने कहा कि भारत का मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों और आतंकवाद को परास्त करना था और ‘‘हम इस उद्देश्य में पूरी तरह सफल रहे।’’ उन्होंने इजराइल-हमास संघर्ष के अभी भी जारी रहने का हवाला देते हुए पूछा कि क्या इजराइल अपने उद्देश्यों में सफल रहा है। चार अगस्त को, सेना प्रमुख ने चेन्नई में आईआईटी-मद्रास के विभिन्न संकाय सदस्यों और छात्रों को 'ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक नया अध्याय' विषय पर संबोधित किया और इसे एक सुनियोजित, खुफिया-आधारित अभियान बताया, जो सैद्धांतिक बदलाव को दर्शाता है।  Operation Sindoor | Modi Operation Sindoor | india operation sindoor | Operation Sindoor criticism | Operation Sindoor Controversy | defence experts not 

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