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चिदंबरम के खुलासे से नया उफान, कहा-मुंबई हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं की पाकिस्तान पर सैन्य कारवाई

पी चिदंबरम ने खुलासा किया है कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद भारी तत्कालीन यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव और विदेश मंत्रालय के रुख के कारण पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया था।

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Mukesh Pandit
Mumbai terror Attack

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।देश में ऐसे समय जब देशभक्ति का जज्बा लोगों के दिलोदिमाग में छाया हुआ है और क्रिकेट में पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद देशप्रेम कुलाचें भर रहा है, ऐसे में पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने एक सनसनीखेज खुलासा करके राजनीति में नया सियासी उफान ला दिया है। पी चिदंबरम ने खुलासा किया है कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद भारी तत्कालीन यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव और विदेश मंत्रालय के रुख के कारण पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि "बदला लेने का विचार मेरे मन में आया था", लेकिन सरकार ने सैन्य कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया। जाहिर है भाजपा ने इसको हाथों-हाथ लपका और कांग्रेस पर हमलावर हो गई है।

पूरी दुनिया का दबाव था, युद्ध मत करो

एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में चिदंबरम ने कहा, "पूरी दुनिया दिल्ली में यह कहने आई है कि 'युद्ध शुरू मत करो'। उन्होंने मुंबई आतंकी हमले के कुछ ही दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री का पदभार संभाला था, जिसमें 175 लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने स्वीकार किया, "उस समय अमेरिकी विदेश मंत्री रहीं कोंडोलीज़ा राइस मेरे कार्यभार संभालने के दो-तीन दिन बाद मुझसे और प्रधानमंत्री से मिलने आईं। और कहा, 'कृपया जबावी कारवाई न करें'। मैंने कहा कि यह फ़ैसला सरकार लेगी। बिना कोई आधिकारिक तौर पर बताए, मेरे मन में यह विचार आया कि हमें बदले की कार्रवाई करनी चाहिए।"

विदेश मंत्रालय नहीं चाहता था जबावी सैन्य कारवाई

चिदंबरम ने आगे कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण लोगों के साथ संभावित जवाबी कार्रवाई पर चर्चा की "प्रधानमंत्री ने इस बारे में तब भी चर्चा की थी जब हमला हो रहा था। और विदेश मंत्रालय और आईएफएस से काफ़ी प्रभावित होकर यह निष्कर्ष निकाला गया था कि हमें स्थिति पर फिजिकल रूप से प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए।"

उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, 2008 को, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने छत्रपति शिवाजी महाराज रेलवे स्टेशन; ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज महल पैलेस एंड टावर होटल, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस पर हमले किए। मुंबई पुलिस द्वारा पकड़े गए आतंकवादियों में से एक, अजमल कसाब को 2012 में फांसी दे दी गई थी।

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भाजपा को रास नहीं आई चिदंबरम की स्वीकारोक्ति

वरिष्ठ कांग्रेस नेता की टिप्पणी भाजपा नेताओं को रास नहीं आई और उन्होंने इस स्वीकारोक्ति के लिए उनकी आलोचना की है। भाजपा नेताओं ने उनकी इस टिप्पणी की तीखी आलोचना की है और इसे "बहुत कम और बहुत देर से लिया गया" बताया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पूर्व गृह मंत्री ने स्वीकार किया है कि देश पहले से ही जानता था कि मुंबई हमलों को "विदेशी ताकतों के दबाव के कारण गलत तरीके से संभाला गया था।"

सोनिया अमेरिका के दबाव में थीं

इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि मुंबई हमलों के बाद चिदंबरम शुरू में गृह मंत्री का पदभार संभालने के लिए अनिच्छुक थे, पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई चाहते थे, लेकिन "दूसरों ने दबदबा बनाया"।
उन्होंने सवाल किया कि क्या वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी या तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस कदम को रोका था, और दावा किया कि ऐसा लगता है कि यूपीए सरकार कोंडोलीज़ा राइस के प्रभाव में काम कर रही थी। 26\11 Mumbai | mumbai | P Chidambaram | Chidambaram Controversy

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