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नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा, वारंगल में एयरपोर्ट बनाने के लिए Airports Authority of India तैयार

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि भारत सरकार की एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) तेलंगाना के वारंगल के ममनूर में एक एयरपोर्ट बनाने के लिए तैयार है

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YBN News
rammanoharnaydu

Photograph: (file)

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हैदराबाद, आईएएनएस। 

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने रविवार को कहा कि भारत सरकार की एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) तेलंगाना के वारंगल के ममनूर में एक एयरपोर्ट बनाने के लिए तैयार है, जिसके लिए केंद्र ने हाल ही में मंजूरी दी है। 

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एएआई एयरपोर्ट के निर्माण के लिए मास्टर प्लान तैयार

राम मोहन नायडू ने कहा कि एएआई एयरपोर्ट के निर्माण के लिए मास्टर प्लान तैयार कर चुका है। तेलंगाना सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी कर जमीन सौंप दिए जाने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा।

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रव‍िवार को हैदराबाद में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू होने के ढाई साल में पूरा हो जाएगा। एयरपोर्ट के लिए रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग और अतिरिक्त सुविधाओं समेत न्यूनतम 500 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी।

एयरपोर्ट से मिलेगा पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा 

उन्होंने कहा कि टर्मिनल बिल्डिंग की क्षमता का निर्धारण सर्वे के बाद किया जाएगा। टर्मिनल बिल्डिंग वारंगल की विरासत और संस्कृति को दर्शाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि एयरपोर्ट से पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, विनिर्माण क्षेत्र में अवसर खुलेंगे और वारंगल में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

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मंत्री ने कहा कि ममनूर एयरपोर्ट के लिए मंजूरी मिलने से क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से लंबित मांग पूरी हो गई है। उन्होंने कहा, "मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि मुझे इस परियोजना को मंजूरी देने का अवसर मिला।"

ममनूर एयरपोर्ट था इस क्षेत्र का सबसे बड़ा एयरपोर्ट

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उन्होंने बताया कि ममनूर एयरपोर्ट स्वतंत्रता-पूर्व युग में इस क्षेत्र का सबसे बड़ा एयरपोर्ट था। 1981 तक इस एयरपोर्ट पर कुछ गतिविधियां होती रहीं और बाद में इसे नजरअंदाज कर दिया गया, क्योंकि सारा ध्यान राज्य की राजधानी हैदराबाद पर था।

उन्होंने कहा कि ममनूर में 696 एकड़ जमीन पहले से ही एएआई के पास है। दो रनवे में से 1,500 मीटर रनवे खराब अवस्था में हैं। नैरो-बॉडी उड़ानों के लिए 2,800 मीटर लंबे रनवे की जरूरत होती है, इसलिए अतिरिक्त भूमि की जरूरत महसूस हुई। केंद्र ने अतिरिक्त 280 एकड़ भूमि का प्रस्ताव रखा, लेकिन पिछली राज्य सरकार से उचित प्रतिक्रिया और सहयोग नहीं मिला। 

उन्होंने कहा कि ममनूर एयरपोर्ट शमशाबाद एयरपोर्ट के 150 किलोमीटर के दायरे में आ रहा है, इसलिए जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (जीएचआईएएल) से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी जरूरी है।

तेलंगाना में नई सरकार द्वारा 280 एकड़ भूमि के अधिग्रहण का आदेश जारी करने तथा जीएचआईएएल द्वारा नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दिए जाने के साथ ही ममनूर एयरपोर्ट को मंजूरी मिलने का रास्ता साफ हो गया। राज्य ने पहले ही एयरपोर्ट (हवाई अड्डे) के लिए 280.30 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के लिए 205 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं, जो एयरबस 320 तथा बोइंग 737 श्रेणी के विमानों को संभाल सकता है।

राम मोहन नायडू ने कहा कि वह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों में नागरिक उड्डयन के विकास के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आठ महीने पहले जब उन्होंने कार्यभार संभाला था, तो उनके नेता एन. चंद्रबाबू नायडू ने उनसे दोनों तेलुगु राज्यों के लिए मंत्री के रूप में कार्य करने के लिए कहा था।

पूरे देश में हवाई अड्डों के विकास को प्राथमिकता

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार छोटे शहरों और दूरदराज के क्षेत्रों सहित पूरे देश में हवाई अड्डों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में केवल 76 हवाई अड्डे थे और अब यह संख्या 159 हो गई है। उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी अन्य देश ने इस गति से विकास नहीं किया है।

किशन रेड्डी ने वारंगल हवाई अड्डे को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागरिक उड्डयन मंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से लंबित मांग पूरी हुई है।

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