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Allegations: भाजपा सांसद निशीकांत दुबे के आरोपों की 'बमबारी' से कांग्रेस बैकफुट पर आई

गोड्डा से भाजपा के सांसद निशीकांत दुबे ने कांग्रेस और इसके नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, भ्रष्टाचार, और विदेशी ताकतों के साथ कथित साठगांठ जैसे अतिसंवेदनशील मामले शामिल हैं।

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Mukesh Pandit
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BJP MP Nishikant Dube

BJP MP Nishikant Dube। file

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। झारखंड के गोड्डा से चार बार के सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता निशीकांत दुबे की एक के बाद एक बयान "स्ट्राइक" से कांग्रेस पार्टी असहज और बैकफुट पर नजर आ रही है। दुबे ने कांग्रेस पार्टी और इसके नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, भ्रष्टाचार, और विदेशी ताकतों के साथ कथित साठगांठ जैसे अतिसंवेदनशील मामले भी शामिल हैं। ये आरोप न केवल राजनीतिक हलकों में, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बने हैं। हालांकि इनमें से कई आरोपों में ठोस सबूतों का अभाव है, और वे मुख्य रूप से भावनात्मक और ध्रुवीकरण करने वाले मुद्दों पर आधारित अधिक प्रतीत हो रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आपरेशन सिंदूर के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जिस तरह सवाल उठाए हैं, उनसे सरकार बैकफुट पर है। नैरेटिव बदलने के लिए इस तरह के सवालों को उठाया जा रहा है। 

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कांग्रेस पर पाकिस्तान के इशारे पर राजनीति का आरोप

भाजपा के सबसे मुखर सांसदों में गिने जाने वाले निशीकांत दुबे ने हाल के महीनों में कांग्रेस पर कई गंभीर और विवादास्पद आरोप लगाए हैं। दुबे ने मई 2025 में सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट और लैटर डालकर कांग्रेस पर पाकिस्तान के साथ कथित साठगांठ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि  वह पाकिस्तान के इशारे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने 1991 के भारत-पाक सैन्य पारदर्शिता समझौते का हवाला देते हुए दावा किया कि यह समझौता, जो कांग्रेस समर्थित सरकार के दौरान हुआ था, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा था। दुबे ने कहा कि कांग्रेस ने इस समझौते के जरिए राष्ट्रहित की दुकान पर ताला लगा दिया और इसे देशद्रोह करार दिया।

Nishikant Aligation

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nishikat letter
1991 के समझौता,राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

दुबे ने 1991 के समझौते को लेकर दावा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा था, तथ्यात्मक रूप से कमजोर है। कांग्रेस ने जवाब में कहा कि यह समझौता शांतिकाल में भारत-पाक सेनाओं के बीच गलतफहमी रोकने के लिए था, और इसे चंद्रशेखर सरकार ने अप्रैल 1991 में हस्ताक्षरित किया था, जब कांग्रेस ने मार्च 1991 में समर्थन वापस ले लिया था। हालांकि उनके इस दावे के कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं और कांग्रेस यह कहकर खारिज कर चुकी है कि इसमें कोई दम नहीं है और यह और यह मुख्य रूप से राजनीतिक बयानबाजी  है।

अक्साई चीन का नेहरु को पता तक नहीं था

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भाजपा सांसद निशीकांत दुबे ने सोशल मीडिया एक्स पर गोपनीय पत्र शेयर करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वर्ष 1963 में लोकसभा में प्रधानमंत्री नेहरु ने कहा उनको चीन के भारतीय भूभाग अक्साई चीन के क़ब्ज़े के पहले यह पता ही नहीं था कि इस नाम से भारत का कोई क्षेत्र है? नेहरु जी ने लोकसभा में कहा था कि अखंड भारत घटिया सोच है और पाकिस्तान के साथ बातचीत चल रही है और हम विभाजन के बाद अब कश्मीर भी पाकिस्तान को देंगे साथ ही कहा था कि हम पाकिस्तान के साथ बातचीत में अमेरिका की मध्यस्थता को भी स्वीकार करने को तैयार हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि लोकसभा में यदि नेहरु जी की कही इस बात का कोई मतलब है तो मैं कांग्रेस से भारत की एकता, उसके इतिहास और गांधी परिवार की कारगुज़ारी बताने के लिए कोई भी क़ुर्बानी देने को तैयार हूँ। 

Nishikant Dubey
Nishikant Dubey releases one more letter written by Chicha Nehru

 

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Nishikant Dubey
letter written by Chicha Nehru01

कश्मीर का सौदा किसने किया?

भाजपा सांसद ने एक्स पर सवाल उठाते हुए लिखा, कांग्रेस पार्टी तथा नेहरु -गांधी परिवार के कुछ तथ्य मैं आपके सामने रख रहा हूं। 

1. नेहरु- जिन्ना- लियाकत को उकसाकर अमेरिका-ब्रिटेन ने भारत का बँटवारा किया या नहीं? तथ्य आपके सामने है 
2. जनरल अयूब के तौर पर सेना का शासन भारत को दबाने के लिए तत्कालीन अमेरिकी सरकार ने किया या नहीं?
3. जनरल अयूब की अमेरिकी राष्ट्रपति को लिखा पत्र पढ़िए, जिसमें साफ़ लिखा है कि पाकिस्तान को कश्मीर चाहिए, और लोकसभा में नेहरु जी का वक्तव्य है कि हम अमेरिकी व ब्रिटिश दबाव में पाकिस्तान के साथ कश्मीर का सौदा कर रहे हैं ,यानि नेहरु जी पूरा कश्मीर के सौदागर थे? इतिहास बदलना आसान नहीं है, यही तथ्य है।

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विदेशी फंडिंग और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां

इससे पहले फरवरी 2025 में, दुबे ने संसद में दावा किया कि कांग्रेस को यूएसएआईडी (United States Agency for International Development)और जॉर्ज सोरोस जैसे विदेशी संगठनों से फंडिंग मिली है, जिसका उद्देश्य भारत को अस्थिर करना है। उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन के साथ यूएसएआईडी के कथित संबंधों का जिक्र किया और दावा किया कि यह धन “राष्ट्र-विरोधी, इस्लामी और सनातन विरोधी” संगठनों को दिया गया। उन्होंने न्यूजक्लिक केस में कांग्रेस पर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि अगस्त 2023 में, दुबे ने दावा किया था कि न्यूजक्लिक को चीन से 38 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी, जिसका इस्तेमाल भारत को तोड़ने और “अराजकता फैलाने” के लिए किया गया। उन्होंने कांग्रेस पर न्यूजक्लिक का बचाव करने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा है। BJP vs Congress | BJP Congress Unity | Congress BJP | Congress leader | nishikant dubey latest news

न्यायपालिका पर हमले में कांग्रेस की सेटिंग: अप्रैल 2025 में, दुबे ने एक और विवादास्पद बयान में दावा किया कि कांग्रेस और कुछ न्यायाधीशों के बीच दशकों पुरानी “सेटिंग” रही है। उन्होंने असम के पूर्व न्यायाधीश बहरुल इस्लाम का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस ने संविधान को कमजोर करने के लिए न्यायपालिका का दुरुपयोग किया।

महुआ मोइत्रा केस में कांग्रेस का समर्थन: 2023-2024 में, दुबे ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा पर “कैश फॉर क्वेरी” मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर इस मामले में महुआ का समर्थन करने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि कांग्रेस भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चुप है।

न्यायपालिका और अन्य संस्थानों पर दबाव: दुबे के सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर हमले, जिसमें उन्होंने कोर्ट को “अराजकता” और “धार्मिक युद्ध” के लिए जिम्मेदार ठहराया, को न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है। यह विशेष रूप से वक्फ (संशोधन) अधिनियम जैसे संवेदनशील मुद्दों पर कोर्ट के हस्तक्षेप के जवाब में हो सकता है।

विदेशी फंडिंग और यूएसएआईडी: दुबे का दावा कि कांग्रेस को जॉर्ज सोरोस और यूएसएआईडी से फंडिंग मिली, एक गंभीर आरोप है, लेकिन इसके समर्थन में कोई ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं किए गए। राजीव गांधी फाउंडेशन ने पहले भी ऐसी फंडिंग के आरोपों का खंडन किया है। बिना स्वतंत्र जांच या दस्तावेजी सबूतों के इन आरोप में कोई दम प्रतीत नहीं होता है।

आरोपों में सच्चाई की पड़ताल

निशीकांत दुबे के आरोप गंभीर हैं, लेकिन इनकी सत्यता और प्रमाणिकता को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। कांग्रेस इन आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताकर खारिज कर चुकी है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा प्रेस ब्रीफिंग में कह चुके हैं कि वह सरकार को बचाने के लिए नैरेटिव गढ़ रहे हैं, क्योंकि सीजफायर से लेकर पहलगाम में लापरवाही जैसे मुद्दे पर सरकार जबाव देने से बच रही है।

 

 

 

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