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justice cash case: न्यायाधीश वर्मा के मामले में FIR दर्ज क्यों नहीं हुई? सांसदों ने उठाए सवाल

संसद की एक स्थायी समिति की बैठक में मंगलवार को कई सांसदों ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहते न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास से जले हुए नोट मिलने के मामले में कोई प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई है?

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Mukesh Pandit
DELHI POLICE-JUSTICE VERMA

DELHI POLICE-JUSTICE VERMA CASE

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। संसद की एक स्थायी समिति की बैठक में मंगलवार को कई सांसदों ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहते न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास से जले हुए नोट मिलने के मामले में कोई प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई है? न्याय विभाग को इस प्रकरण को लेकर विस्तृत नोट तैयार करना चाहिए था। साथ ही  सांसदों ने सवाल किया कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास से बेहिसाब नकदी की बरामदगी के मामले पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। 

न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता तय करने की भी मांग 

सूत्रों के अनुसार,सांसदों ने न्यायाधीशों के लिए एक आचार संहिता तय करने की भी मांग की और इस बात पर जोर दिया कि उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों को सेवानिवृत्ति के बाद कम से कम पांच साल की अवधि तक कोई सरकारी उत्तरदायित्व नहीं मिलना चाहिए। कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी संसदीय समिति की बैठक के दौरान विभिन्न दलों के सांसदों ने इस मुद्दे को उठाया और विधि एवं न्याय मंत्रालय से सवाल पूछे कि वह न्यायपालिका से संबंधित मामलों में क्या कर रहा है। 

'न्यायिक प्रक्रियाओं और उनके सुधार' पर प्रस्तुति दी 

बैठक में न्याय विभाग के सचिव ने उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता के मुद्दों और न्यायाधीशों द्वारा सेवानिवृत्ति के बाद कार्यभार संभालने के संबंध में 'न्यायिक प्रक्रियाओं और उनके सुधार' पर एक प्रस्तुति दी थी। सूत्रों के अनुसार, सदस्यों ने न्यायाधीशों की आचार संहिता पर उठाए गए विभिन्न मुद्दों और चिंताओं पर गौर करते हुए एक व्यापक विधेयक की भी मांग की।

वर्मा को हटाने का कोई प्रस्ताव अब तक क्यों नहीं आया

सांसदों ने सवाल किया कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास से बेहिसाब नकदी की बरामदगी के मामले पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई और उन्होंने आचार संहिता लागू करने की मांग की। कुछ सांसदों ने यह भी पूछा कि न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने का कोई प्रस्ताव अब तक क्यों नहीं लाया गया है। सूत्रों ने कहा कि कुछ लोगों की यह मांग थी कि कार्रवाई न्यायसंगत होना चाहिए क्योंकि एक छोटे से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक सरकारी कर्मचारी को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है, लेकिन बेहिसाब नकदी की बरामदगी के बाद भी न्यायपालिका के एक वरिष्ठ सदस्य के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। delhi highcourt | Delhi high court | delhi | chief justice of india | justice yashwant varma | justice yashwant varma bungalow fire | justice yashwant varma cash | justice yashwant varma cash case not present in conten

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