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दिल्ली में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे, इस बार जल्द आएगी और खूब सताएगी सर्दियां

राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से तीन डिग्री कम है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो मौसम के औसत से 0.6 डिग्री कम है। 

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Mukesh Pandit
Tuesday Morning in Kartvay Path Dance Fog

कर्त्तव्य पक्ष पर मंगलवार की सुबह वॉक करते लोग। एक्स

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। देश में इस वर्ष सर्दियों का मौसम सामान्य समय से पहले आने की संभावना है। मौस‍म विज्ञानियों का कहना है कि इस बार की सर्दियां सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाली हैं। पिछले चार दिनों से दिल्‍ली में तापमान 20 डिग्री से नीचे बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचे क्षेत्रों में पहले ही बर्फबारी शुरू हो चुकी है। उत्तरी मैदानी हिस्सों में भी हाल के दिनों में तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई है। श्रीनगर में पिछले हफ्ते ही सामान्य समय से पहले बर्फबारी हुई। जबकि जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में भी मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे ठंडक और बढ़ गई है। 

हिमाचल में जारी बर्फबारी 

हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में पूरे सप्ताह बर्फबारी जारी रही। जबकि राज्य के निचले हिस्सों में बारिश होती रही। परिणामस्वरूप हिमाचल और पंजाब दोनों में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि जो मौसम अभी चल रहा है, वह जारी रहने वाला है.  आने वाले दिनों के मौसमी रुझान ला नीना' परिस्थितियों के विकसित होने से जुड़े हैं। इसमें प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी हिस्सों में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ठंडा हो जाता है। 

ला नीना लाएगा जल्‍दी ठंड 

ला नीना, जलवायु संबंधी एक बड़ी घटना एल नीनो साउदर्न ऑसिलेशन (ENSO) का एक फेज है। बताया जाता है कि यह प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में समुद्र के तापमान में होने वाले बदलावों से संबंधित है, जिसके साथ वायुमंडल में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं।  यह ENSO घटना ग्‍लोबल एटमॉसफेरिक सर्कुलेशन (वायुमंडलीय परिसंचरण) को प्रभावित करती है, जो आगे चलकर किसी दिन या मौसम के तापमान और स्थितियों पर असर डालती है।  

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जानिए क्‍या है ला नीना?

ENSO के तीन चरण होते हैं – गर्म (El Nino), ठंडा (La Nina) और neutral (संतुलित)। ये तीनों चरण अनियमित रूप से हर दो से सात वर्षों के बीच आते हैं। ला नीना के दौरान हवाएं सामान्य से ज्‍यादा तेज हो जाती हैं। प्रशांत महासागर के पश्चिमी हिस्से की ओर बड़ी मात्रा में पानी को धकेलती हैं। इससे वह क्षेत्र अधिक गर्म हो जाता है। इसकी वजह से पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में, जहां भारत स्थित है, तापमान में गिरावट आती है। इसका मतलब यही है बारिश में इजाफा होता है और तापमान कम हो जाता है। Delhi weather update | delhi weather news | delhi weather today | delhi weather today news live

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