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Honey trap देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती, सुंदरियों के प्रेम जाल में फंसकर बेची जा रही है 'राष्ट्र की सुरक्षा'

कानपुर आर्डिनेंस फैक्टरी के जूनियर वर्क मैनेजर  कुमार विकास की हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तारी ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को एक बार फिर गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे सैकड़ों मामले सामने आए हैं। विस्तार से जानिये इसका सच?

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Mukesh Pandit
security Threat

Photograph: (File)

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

कानपुर आर्डिनेंस फैक्टरी के जूनियर वर्क मैनेजर  कुमार विकास की हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तारी ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को एक बार फिर गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। वह हनी ट्रैप में फंसकर पाकिस्तानी सेना को महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ रक्षा से जुड़ी जानकारियां वाट्सएप के माध्यम से भेज रहा था। देश में हनी ट्रैप के मामले समय-समय पर सुर्खियों में आते रहे हैं। हालांकि सरकार या राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने हनी ट्रैप के मामलों पर कोई  आंकड़ा जारी नहीं किया है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों मामले सामने आए हैं। इनमें से कई मामले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए शुरू होते हैं। 

वर्ष 2019 में राज्यसभा मेंरक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नायक ने बताया था कि पाकिस्तान की आईएसआई भारतीय सेना के अधिकारियों, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों को हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश कर रही है। इसके बाद सेना ने अपने जवानों को 89 ऐप्स, जिसमें फेसबुक और टिकटॉक शामिल थे, हटाने का निर्देश दिया था।

दर्जनों हाई-प्रोफाइल मामले

पिछले पांच वर्षों में अकेले राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से दर्जनों हाई-प्रोफाइल हनी ट्रैप के मामले सामने आए हैं। इनमें सरकारी अधिकारियों, पुलिसकर्मियों, सेना के जवानों और कारोबारियों को निशाना बनाया गया। वर्ष 2023 में महाराष्ट्र के एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड ने डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया, जो एक पाकिस्तानी महिला एजेंट के हनी ट्रैप में फंसकर जासूसी कर रहा था। 

राजस्थान में पकड़ा गया रेलवे कर्मचारी

हाल ही में , मार्च 2025 तक, राजस्थान के बीकानेर जिले में एक रेलवे कर्मचारी भवानी सिंह का मामला सामने आया। उसे हनी ट्रैप में फंसाकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया। भवानी सिंह एक महिला एजेंट के संपर्क में था, जो सोशल मीडिया के जरिए उसे लालच देकर भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी हासिल कर रही थी। इसके बदले उसे मोटी रकम दी जा रही थी। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा दर्शाता है, क्योंकि दुश्मन देश अक्सर ऐसे हथकंडों का इस्तेमाल करते हैं।

मध्य प्रदेश का हाई-प्रोफाइल हनी ट्रैप कांड

इस तरह मध्य प्रदेश का हाई-प्रोफाइल हनी ट्रैप कांड है, जो 2019 में उजागर हुआ। इस मामले में कई नेताओं, नौकरशाहों और प्रभावशाली लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए महिलाओं का एक गिरोह सक्रिय था। इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर की शिकायत के बाद इसकी जांच शुरू हुई, जिसमें पता चला कि यह गिरोह अश्लील वीडियो बनाकर लोगों से मोटी रकम वसूल रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया था कि उनके पास इस मामले से जुड़ी एक पेन ड्राइव है, जिसमें कई रसूखदारों के नाम शामिल हैं। इस घटना ने रक्षा और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया था।

बांदा में हनी ट्रैप का मामला सामने आया

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उत्तर प्रदेश में भी 2022 में बांदा पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया, जो हनी ट्रैप के जरिए लोगों को फंसाकर लाखों रुपये ऐंठ रही थी। इस महिला ने व्यवसायियों को अपने जाल में फंसाया और ब्लैकमेलिंग से आत्महत्या तक के मामले सामने आए। ऐसे मामले व्यक्तिगत स्तर पर अपराध को बढ़ावा देते हैं और सामाजिक विश्वास को कमजोर करते हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के मामले ने अब और गंभीर चुनौती पेश कर दी हैं कि कैसे सरहद पार आशिकी में फंसकर देश की सूचनाएं दुश्मन को मुहैया कराने वाले एक एजेंट को एटीएस ने कानपुर आर्डिनेंस फैक्टरी से गिरफ्तार किया है।

इस पाकिस्तानी एजेंट का नाम कुमार विकास बताया गया है, जोकि आर्डिनेंस फैक्टरी में बतौर जूनियर वर्क मैनेजर तैनात था। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि, पाकिस्तानी जासूस, नेहा शर्मा की आशिकी में उलझकर कुमार विकास इसी साल जनवरी से गुप्त दस्तावेजों के साथ रक्षा से जुड़ी जानकारियां वाट्सएप के माध्यम से पाकिस्तानी सेना को मुहैया कराने के नेटवर्क में जुड़ा था। 

कर्नाटक में हनी ट्रैप का खुलासा

2024 में कर्नाटक में सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने एक हनी ट्रैप रैकेट का भंडाफोड़ किया, जो नेताओं और प्रभावशाली लोगों को ब्लैकमेल कर रहा था। इसी साल भोपाल में बीएचईएल के एक अधिकारी को एक ठेकेदार ने महिला के साथ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर 2.5 लाख रुपये ऐंठ लिए। उत्तर प्रदेश के बरेली में भी 2023 में एक महिला को हनी ट्रैप के लिए गिरफ्तार किया गया, जो आधा दर्जन लोगों को ठग चुकी थी।  हनी ट्रैप के ये मामले यह संकेत देते हैं कि यह केवल अपराध का एक तरीका नहीं, बल्कि एक संगठित रणनीति भी  है। खासकर जब इसमें विदेशी एजेंसियां शामिल हों, तो यह देश की सुरक्षा के लिए चुनौती बन जाता है।

हनी ट्रैप और सोशल मीडिया की भूमिका

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हनी ट्रैप के अपराधी आमतौर पर सोशल मीडिया की मदद लेते हैं। वे फर्जी प्रोफाइल बनाकर आकर्षक तस्वीरें अपलोड करते हैं और अपने 'टारगेट' से दोस्ती करते हैं। पहले सामान्य बातचीत होती है, फिर भावनात्मक या रोमांटिक रिश्ता बनाया जाता है। इसके बाद वीडियो कॉल या मुलाकात के दौरान आपत्तिजनक सामग्री रिकॉर्ड की जाती है, जिसका इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के लिए होता है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में, पाकिस्तानी एजेंट्स भारतीय जवानों को फंसाने के लिए विदेशी मॉडल्स की तस्वीरों का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनकी पहचान छिपी रहे।

देश के साथ बड़ी साजिश

हनी ट्रैप एक ऐसी साजिश होती है जिसमें किसी व्यक्ति को प्रलोभन, आमतौर पर रोमांटिक या यौन संबंधों के जरिए फंसाया जाता है, ताकि उससे गोपनीय जानकारी हासिल की जा सके या उसे ब्लैकमेल किया जा सके। भारत में ये मामले न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीति से भी जुड़े हुए पाए गए हैं। देश में हनी ट्रैप के मामले विविध रूपों में सामने आते हैं, जिनमें व्यक्तिगत ब्लैकमेलिंग से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक के खतरे शामिल हैं। इनसे निपटने के लिए कानूनी, तकनीकी और सामाजिक स्तर पर ठोस प्रयास जरूरी हैं। 

कैसे निपटें हनी ट्रैप की समस्या से?

हनी ट्रैप से निपटने के लिए सरकार और नागरिकों दोनों को जागरूक और सक्रिय रहने की जरूरत है। सेना और रक्षा कर्मियों के लिए सोशल मीडिया पर सख्त नियम लागू किए गए हैं, लेकिन आम नागरिकों के लिए भी जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। साइबर क्राइम सेल को मजबूत करना, फर्जी प्रोफाइल की पहचान के लिए तकनीक का उपयोग करना और कठोर कानूनी कार्रवाई इस समस्या को कम कर सकती है। व्यक्तिगत स्तर पर, लोगों को अज्ञात लोगों से ऑनलाइन दोस्ती करने से बचना चाहिए और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए। व्यक्तिगत स्तर पर भी लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि वे ऐसे जाल में न फंसें।

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