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Corruption in India: अब भी भ्रष्टचार से नहीं मिली मुक्ति, सूचकांक में 180 देशों में 96वें स्थान पर

सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कथित स्तर के आधार पर 180 देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग करता है। इसमें शून्य से 100 के पैमाने का इस्तेमाल किया जाता है, जहां शून्य का अर्थ अत्यधिक भ्रष्ट और 100 का मतलब साफ-सुथरी व्यवस्था है।

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Mukesh Pandit
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के लिए भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) में भारत 180 देशों में 96वें स्थान पर है, क्योंकि इसका समग्र स्कोर एक अंक गिरकर 38 हो गया है। यह सूचकांक, सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कथित स्तर के आधार पर 180 देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग करता है। इसमें शून्य से 100 के पैमाने का इस्तेमाल किया जाता है, जहां शून्य का अर्थ अत्यधिक भ्रष्ट और 100 का मतलब साफ-सुथरी व्यवस्था है। 

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बांग्लादेश की रैंकिंग और नीचे 149 पर

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भारत का कुल स्कोर 2024 में 38 था, जबकि 2023 में यह 39 और 2022 में 40 था। वर्ष 2023 में भारत की रैंकिंग 93 थी। भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान (135) और श्रीलंका (121) निचले पायदान पर हैं, जबकि बांग्लादेश की रैंकिंग और नीचे 149 पर है। चीन 76वें स्थान पर है। सबसे कम भ्रष्ट राष्ट्रों की सूची में डेनमार्क शीर्ष पर है, उसके बाद फिनलैंड और सिंगापुर का स्थान है। 

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दुनिया में भ्रष्टाचार अब भी गंभीर समस्या

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सूचकांक ने दिखाया कि भ्रष्टाचार दुनिया के हर हिस्से में एक गंभीर समस्या है, लेकिन कई देशों में बेहतरी के लिए बदलाव हो रहा है। अध्ययन से यह भी पता चला है कि भ्रष्टाचार जलवायु कार्रवाई के लिए एक बड़ा खतरा है। यह उत्सर्जन को कम करने और वैश्विक तापमान के अपरिहार्य प्रभावों के अनुकूल होने में प्रगति को बाधित करता है।

हालांकि, 2012 के बाद से 32 देशों ने अपने भ्रष्टाचार के स्तर में उल्लेखनीय कमी लायी है, फिर भी अभी भी काफी काम किया जाना बाकी है, क्योंकि इसी अवधि के दौरान 148 देशों में भ्रष्टाचार स्थिर रहा है या उसकी स्थिति और खराब हो गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक औसत 43 वर्षों से स्थिर है, जबकि दो तिहाई से अधिक देशों का स्कोर 50 से नीचे है। अरबों लोग ऐसे देशों में रहते हैं, जहां भ्रष्टाचार जीवन को तबाह कर देता है और मानव अधिकारों को कमजोर करता है। 

पाकिस्तान दो पायदान नीचे खिसककर 135 पर पहुंचा 

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भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) में पाकिस्तान दो पायदान नीचे खिसककर 135 पर पहुंच गया है। वर्ष 2023 में पाकिस्तान इस सूचकांक में 133 वें स्थान पर था। प्रमुख न्यूज पोर्टल डॉन डॉट कॉम की खबर के अनुसार, सीपीआई 180 देशों और क्षेत्रों को सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कथित स्तर के आधार पर शून्य (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 (बहुत स्वच्छ) के पैमाने पर आंकता है। वर्ष 2024 की रैंकिंग में पाकिस्तान 135वें स्थान पर पहुंच गया। 

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सोमालिया, सूडान में भ्रष्टाचार चरम पर 

टीआईपी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जिया परवेज के अनुसार, ओमान, चीन, तुर्किये और मंगोलिया को छोड़कर क्षेत्र के सभी देशों के स्कोर में गिरावट आई है। डेनमार्क ने लगातार सातवें साल सूचकांक में सर्वोच्च स्कोर (90) हासिल किया, जबकि फिनलैंड (88) और सिंगापुर (84) क्रमश: दूसरे व तीसरे पायदान पर रहे। सबसे कम स्कोर वाले देशों में मुख्यत: संघर्ष प्रभावित दक्षिण सूडान (8), सोमालिया (9), वेनेजुएला (10), सीरिया (12), लीबिया (13), इरिट्रिया (13), यमन (13) और इक्वेटोरियल गिनी (13) शामिल थे। 

भ्रष्टाचार सूचकांक में अमेरिका 65 वें पायदान पर 

नमूने में शामिल एक-चौथाई से अधिक देशों (47) को सूचकांक में अब तक का सबसे कम स्कोर मिला है, जिनमें ऑस्ट्रिया (67), बांग्लादेश (23), ब्राजील (34), क्यूबा (41), फ्रांस (67), जर्मनी (75), हैती (16), हंगरी (41), ईरान (23), मैक्सिको (26), रूस (22), दक्षिण सूडान (8), स्विट्जरलैंड (81), अमेरिका (65) और वेनेजुएला (10) शामिल हैं। पिछले पांच वर्षों में सात देशों ने सूचकांक में अपने स्कोर में उल्लेखनीय सुधार किया है। इनमें कोटे डी आइवर (45), डोमिनिकन रिपब्लिक (36), कोसोवो (44), कुवैत (46), मालदीव (38), मोल्दोवा (43) और जाम्बिया (39) शामिल हैं।

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