नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संक्षिप्त युद्ध के बाद भारत ने अपनी सीमाओं को और अधिक मजबूत करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए चीन और पाकिस्तान की सीमाओं के पास डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने की योजना है। इसके अंतर्गत नए मिसाइल और एयर डिफेंस यूनिट्स बनाए जाने जैसे कई प्लान शामिल हैं। लेकिन जंगल या वाइल्डलाइफ इलाकों में डिफेंस प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले पर्यावरण को लेकर अनुमति लेना जरूरी होता है। हाल ही में लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की वाइल्डलाइफ अथोरिटी ने ऐसे कई डिफेंस प्रोजेक्ट्स को पहली मंजूरी दे दी है। अब इन प्रोजेक्ट्स को फाइनल स्वीकृति केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से मिलनी बाकी है।
बॉर्डर के पास शुरू होंगे ये डिफेंस प्रोजेक्ट्स
रिपोर्ट के अनुसार, इन प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य सियाचिन ग्लेशियर के पास भारतीय सेना की मौजूदगी को और मजबूत करना है, साथ ही लद्दाख और अन्य अहम सीमा क्षेत्रों में एयर डिफेंस को बढ़ाना भी है। लद्दाख राज्य वन्यजीव बोर्ड (SBWL ने विगत 24 अप्रैल को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इसमें सीमा क्षेत्र में नई मिसाइल यूनिट्स लगाने की अनुमति दी गई है। साथ ही श्योक के पास एक फॉरवर्ड एविएशन बेस बनाने को मंजूरी दी गई है। गोला-बारूद के स्टोरेज के लिए सीमा के पास खास जगहों पर सुविधाएं विकसित करने को भी हरी झंडी मिल गई है ताकि ऑपरेशन के दौरान सेना की तैनाती तेजी से हो सके।Defence forces | civil defence India | Defence news | defence sector | Defence updates
लद्दाख के पास चल रही खास तैयारी
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लद्दाख प्रशासन ने भी साफ कर दिया है कि अब सियाचिन ग्लेशियर के लिए रेकी और ऑब्जर्वेशन फ्लाइट्स और हेलिकॉप्टर ऑपरेशन की अनुमति दी जा रही है। लद्दाख में पिछले महीने एक बैठक में फैसला लिया गया कि दौलत बेग ओल्डी (DBO)और चुशुल में बने बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (BPM) हाट्स से लिंक जोड़ने के लिए कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, ताकि भारत और चीन के बीच बातचीत के रास्ते खुले रहे। सामरिकी की दृष्टि से यह काफी संवेदनशील और महत्वपूर्ण इलाका है। इसके साथ ही लद्दाख के गांवों में सड़कें, सीमा चौकियां और सैनिकों के रहने के लिए सुविधाएं विकसित करने की भी अनुमति दी गई है।
उत्तर-पूर्वी भारत की सीमा पर भी तैयारी
अरुणाचल प्रदेश राज्य वन्यजीव बोर्ड (SBWL) ने 25 मार्च को मलीन्ये से कपुड़ा और फुफू तक सड़क निर्माण की अनुमति दी है। डोकलाम क्षेत्र के पास डोका ला सेक्टर में भीम बेस से भीम टॉप तक एक नया ऑपरेशनल ट्रैक बनाने की चर्चा चल रही है। सिक्किम ने भी 23 अप्रैल की बैठक में इस पर और जानकारी मांगी है. हालांकि उन्होंने डोका ला और भीम बेस पर एयर डिफेंस इंस्टॉलेशन को हरी झंडी दे दी है।