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Mysterious Deaths in J&K: राजौरी में तीन परिवारों के 17 लोगों की रहस्यमी मौत की जांच करेगी एनएचआरसी

एनएचआरसी ने जम्मू कश्मीर के राजौरी जिला स्थित एक गांव में पिछले डेढ़ माह के दौरान अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के तीन परिवारों के 17 लोगों की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौतों के सिलसिले में एक आरटीआई कार्यकर्ता की याचिका को स्वीकार कर लिया है।

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Mukesh Pandit
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Photograph: (File)

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जम्मू, वाईबीएन नेटवर्क।

Mysterious Deaths in J&K: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने जम्मू कश्मीर के राजौरी जिला स्थित एक गांव में पिछले डेढ़ माह के दौरान अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के तीन परिवारों के 17 लोगों की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौतों के सिलसिले में एक आरटीआई कार्यकर्ता की याचिका को स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को दी गई अपनी याचिका में रमन शर्मा ने 'संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए न्याय, राहत और उपाय सुनिश्चित करने' के लिए वैधानिक निकाय से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। 

13 बच्चों सहित 17 लोगों की हो चुकी है मौत

सात दिसंबर से 19 जनवरी के बीच बधाल गांव में 13 बच्चों सहित 17 लोगों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। मरीजों ने बुखार, दर्द, अत्यधिक पसीना, मतली आने और अचेत होने की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया तथा कुछ ही दिनों में उनकी मौत हो गई। जांच और एकत्र किए गए नमूनों से पता चला कि ये घटनाएं जीवाणु या विषाणु जनित संक्रामक रोग के कारण नहीं हुई थीं और इसमें जन स्वास्थ्य का कोई पहलू नहीं था, जिस कारण पुलिस ने मृतकों के नमूनों में कुछ न्यूरोटॉक्सिन पाए जाने के बाद एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया। मौतों के पीछे के रहस्य को रेखांकित करने के लिए एक केंद्रीय अंतर-मंत्रालयी टीम भी जांच में शामिल हो गई है। 

परिवारों और समुदाय को तत्काल सहायता की आवश्यकता

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आरटीआई कार्यकर्ता ने  अपनी याचिका में कहा, 'बधाल गांव के परिवारों और समुदाय को तत्काल सहायता की आवश्यकता है।आयोग (एनएचआरसी) न्याय, राहत सुनिश्चित करने और संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए उपाय करने के वास्ते उचित कदम उठाए।' उन्होंने एनएचआरसी से राजौरी में प्रभावित परिवारों से बातचीत करने और प्रत्यक्ष जानकारी जुटाने के लिए एक टीम तैनात करने का भी अनुरोध किया। एनएचआरसी ने याचिका स्वीकार कर ली है और याचिकाकर्ता को केस डायरी नंबर आवंटित कर दिया है। शर्मा ने याचिका में, प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल वित्तीय सहायता और चिकित्सा एवं मनोवैज्ञानिक सहायता मुहैया करने का अनुरोध किया। उन्होंने जांच में तेजी लाने और पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एनएचआरसी की तत्काल भागीदारी की मांग की। उन्होंने आयोग से भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए निवारक उपायों की सिफारिश करने का भी आग्रह किया है, जिसमें जल स्रोतों की नियमित जांच, रासायनिक सुरक्षा पर जागरूकता अभियान और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे शामिल हैं। 

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