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Pollution: चीन ने भारत को वायु प्रदूषण संकट से निपटने में मदद की पेशकश की, दिल्ली की हवा खराब

भारत स्थित चीनी दूतावास ने एक्स पर साझा किया कि चीन प्रदूषण नियंत्रण में अपने अनुभव साझा करने को तैयार है, जिसने बीजिंग और शंघाई जैसे शहरों में स्मॉग के स्तर को सफलतापूर्वक कम किया है।

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Mukesh Pandit
Air Pollution in Delhi

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली और आसपास के सेटेलाइट शहरों में वायु प्रदूषण की वजह से गैस चैंबर जैसे हालातों के बीच चीन ने गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मदद की पेशकश की है। भारत स्थित चीनी दूतावास ने एक्स पर साझा किया कि चीन प्रदूषण नियंत्रण में अपने अनुभव साझा करने को तैयार है, जिसने बीजिंग और शंघाई जैसे शहरों में स्मॉग के स्तर को सफलतापूर्वक कम किया है। उधर, गुरुवार की सुबह भी वायु प्रदूषण की गुणवत्ता खराब श्रेणीमें बनी रही। कर्तव्य पथ के आसपास हवा में धुंध की परत छाई रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, इस क्षेत्र का AQI 230 है, जिसे 'खराब' श्रेणी में रखा गया है।

चीन के दूतावास ने कहा, हमें भी ऐसे संकट का सामना करना पड़ा

बता दें कि चीन को पहले भी इसी तरह के वायु प्रदूषण के मुद्दों का सामना करना पड़ा था, लेकिन उसने प्रदूषण कम करने के लिए आक्रामक उपाय लागू किए, जिनमें उद्योगों को स्थानांतरित करना, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को सीमित करना और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग का विस्तार करना शामिल है। चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने एक्स पर कहा, 'चीन भी कभी गंभीर स्मॉग से जूझता था। हम नीले स्मॉग की ओर अपने सफर को साझा करने के लिए तैयार हैं - और हमारा मानना ​​है कि भारत जल्द ही उस मुकाम तक पहुंच जाएगा।'

दिल्ली में गुरुवार की सुबह छाई है धुंध

इस बीच, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार,गुरुवार को सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ और सुबह 7 बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 228 दर्ज किया गया। तुलना के लिए, राष्ट्रीय राजधानी में 5 नवंबर को शाम 4 बजे AQI 291 दर्ज किया गया था। मामूली सुधार के बावजूद, शहर की वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी रही, जिससे राजधानी के कई हिस्से प्रभावित हुए।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, इस क्षेत्र का AQI 230 है, जिसे 'खराब' श्रेणी में रखा गया है। उधर, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि दिल्ली में वाय़ु की गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। समेकित प्रयासों के नजीते सामने आ रहे हैं।

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बीजिंग ने प्रदूषण नियंत्रण में सफलता पाई

ये क्षेत्र उच्च-उत्सर्जन वाले वाहनों के प्रवेश को सीमित करते हैं, जिससे परिवहन के स्वच्छ और अधिक पर्यावरण-अनुकूल साधनों के उपयोग को बढ़ावा मिलता है। इसके अतिरिक्त, शहर ने प्रदूषणकारी औद्योगिक सुविधाओं को बंद करके और ही¨टग प्रणालियों को उन्नत करके कोयले की खपत को कम करने के लिए काम किया।गैस आधारित इंडस्ट्री बीजींग ने कोयले के इस्तेमाल में कमी लाने में अग्रणी भूमिका निभाई।

3,000 छोटे बायलरों को चरणबद्ध तरीके से बंद किया और 2017 तक कोयले के इस्तेमाल को 1.5 करोड़ टन तक सीमित कर दिया। यानी 30 प्रतिशत की कटौती। प्राकृतिक गैस और नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों ने इस कमी को पूरा किया, और शहर ने 4 गीगावाट सौर और पवन ऊर्जा क्षमता बढ़ाई। वाहनों के प्रदूषण पर नियंत्रण का तरीका बीजींग ने लाइसेंस प्लेट लाटरी के •ारिए वाहनों की संख्या सीमित कर दी और मेट्रो नेटवर्क का विस्तार 1,000 किलोमीटर तक कर दिया।

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