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social media पर सरकार की टेढ़ी नजर, Influencer के लिए कोड ऑफ कंडक्ट की तैयारी

हाल ही में सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और उनके इन्फ्लुएंसर्स के लिए नए नियमों की तैयारी शुरू की है। इन नियमों के तहत, जिन इन्फ्लुएंसर्स के फॉलोअर्स की संख्या 5,000 से 50,000 के बीच होगी।

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Ranjana Sharma
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SOCIAL MEDIA

नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क।

social media : नए कानून में यू-ट्यूबर, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया यूजर्स को रेगुलेट करने के प्रावधान होंगे। लगभग 15 माह से काम किया जा रहा है। सभी पहलुओं पर विशिष्ट प्रावधान लाने के लिए विशेषज्ञों से राय ली गई है, क्योंकि यह प्रावधान दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण क्षेत्र से जुड़े होंगे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गवर्नेंस की व्यवस्था भी इसमें की जाएगी।

इंफ्लूएंसर के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लाने की तैयारी में

रणवीर इलाहाबदिया के अश्लील कटेंट पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों से जागी केंद्र सरकार सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लाने की तैयारी में है। इस कोड का पालन 5 से 50 लाख वाले फॉलोअर्स वाले इंफ्लूएंसर्स को करना होगा, ताकि भविष्य में इंडियाज गॉट लेटेंट जैसे शो से देशभर में लोगों की भावनाएं आहत न हो। साथ ही इंफ्लूएंसर्स को कंटेंट की रेटिंग भी देना अनिवार्य होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ओटीटी के कंटेंट को लेकर सरकार विभिन्न स्तरों पर कदम उठा रही है। बच्चों को अश्लील-अभद्र कटेंट से दूर रखने के नियम का मसौदा, ओटीटी प्लेटफार्मों के स्व-नियामक निकायों के लिए एडवाइजरी और डिजिटिल इंडिया विधेयक का मसौदा तैयार करने पर काम चल रहा है।

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कोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब

इस बीच सामने आए इंडियाज गॉट लेटेंट के विवाद ने सोशल मीडिया की एक और बदसूरत तस्वीर देश की जनता के सामने पेश की है, जिसके मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इलाहाबदिया की याचिका पर सुनवाई के दौरान तीखी आलोचना की। साथ ही केंद्र सरकार से विशेष तौर पर पूछा कि भौंडे कंटेंट पर लगाम कसने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। इसकी जानकारी अगली सुनवाई में अदालत को दी जाए। सरकार जवाब की तैयारी की दिशा में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लाने के लिए कमर कस चुकी है, ताकि इस पहल से इंफ्लूएंसर्स सार्वजनिक किए जाने वाले कंटेंट से भौंडेपन, अश्लीलता, अभद्रता और गाली-गलौज को दूर रखें या फिर कटेंट को रेटिंग देकर यह स्पष्ट कर दें कि पोस्ट या पब्लिश कंटेंट का स्तर क्या है। सूत्रों के मुताबिक कोड ऑफ कंडक्ट में रेटिंग एक से पांच तक रखी जा सकती है।

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कोड ऑफ कंडक्ट होगा जारी

सूत्रों के अनुसार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए कोड ऑफ कंडक्ट जारी करेगा. इसमें इंफ्लूएंसर्स को रेटिंग के अलावा डिस्क्लेमर भी देना होगा. जैसा कि आपने फिल्मों की शुरुआत में नशीली वस्तुओं, हिंसक सीन के संबंध में देखा होगा। रेटिंग से अश्लीलता, फूहड़ता और भौंडेपन का दायरा भी कोड ऑफ कंडक्ट में तय होगा। पांच से 50 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स वाले इंफ्लूएंसर के लिए इसमें कोई माफी नहीं होगी और शिकायतों पर तत्काल संबंधित प्राधिकार, पुलिस, प्रशासन या अन्य एजेंसी द्वारा कदम उठाया जाएगा।

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उल्लंघन करने पर क्या सजा दी जाएगी

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कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन पर देश में लागू मौजूदा आपराधिक कानून और विशेष कानून के तहत कदम उठाया जाएगा। यह कानून जुर्माने और सजा के प्रावधान वाले हैं। पांच लाख से नीचे वाले इंफ्लूएंसर्स के लिए पहली गलती पर चेतावनी, दूसरे पर जुर्माने और तीसरे पर कानूनी कदम उठाए जाने पर विचार किया जा रहा है। याद रहे कि संसदीय समिति ने भी सोशल मीडिया पर फैली अश्लीलता पर सवाल उठाए थे, जबकि अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के सामने जवाब देना है कि आखिर सोशल मीडिया पर किस तरह से मजाक के नाम पर भौंडेपन को इजाजत मिली हुई है. सरकार क्या कर रही है, क्या कदम उठाए गए हैं।

तीन माह पर पहले जारी किया था मसौदा

सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने पिछले महीने 3 जनवरी को सोशल मीडिया पर खुलेआम परोसे जाने वाली अश्लीलता और भौंडे कंटेंट से 18 साल के कम उम्र के बच्चों को दूर रखने के लिए डिटिजल पर्सनल डेटा प्रोटैक्शन कानून-2023 के नियमों का मसौदा जारी किया था। इसमें नाबालिगों को सोशल मीडिया पर अकाउंट खोलने के लिए पैरेंट्स की सहमति अनिवार्य की गई है। सुझावों और आपत्तियों पर विचार के बाद जल्द इसे लागू किया जाएगा। दूसरी ओर सोशल मीडिया पर अश्लीलता रोकने के लिए केंद्र सरकार मौजूदा आईटी एक्ट की जगह डिजिटल इंडिया बिल लाने पर काम कर रही है।

सोशल मीड‍िया, Influencer, आईटी, मसौदा जारी, यूजर्स को रेगुलेट,कोड ऑफ कंडक्ट

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