Rahul Visit: अचानक AIIMS पहुंचे राहुल, बीमारों का हाल देखकर दुखी, कह दी बड़ी बात
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोगों से जुड़ने और उनकी पीड़ा जानने के लिए अक्सर सीधे लोगों के बीच जाकर उनका दर्द जानते और सुनते हैं। मरीजों का हाल और हकीकत जानने को वे अचानक एम्स पहुंच गए और मरीजों व उनके परिवारों की दिक्कतों को काफी करीब से देखा और जाना।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लोगों से जुड़ने और उनकी पीड़ा जानने के लिए अक्सर सीधे लोगों के बीच जाकर उनका दर्द जानते और सुनते हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स देशभर में बेहतर इलाज के लिए प्रसिद्ध है। बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर सैकड़ों लोग और उनके परिजन यहां आते हैं। क्योंकि मरीजों और उनके परिवारों के लिए यह अस्पताल एक आखिरी उम्मीद है। पर एम्स के बाहर का नजारा हर मौसम में दर्दनाक होता है। मरीजों का हाल और हकीकत जानने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी अचानक एम्स पहुंच गए और उन्होंने मरीजों व उनके परिवारों की दिक्कतों को काफी करीब से देखा और जाना। विधानसभा चुनाव के बीच उनके इस दौरे ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की असली तस्वीर भी पेश कर दी।
ए्म्स के आसपास के फुटपाथों, सबवे और सड़कों पर ठंड से कांपते, भूख से जूझते और इलाज की कतार में दिन-रात गुजारते लोगों की स्थिति देखकर कांग्रेस नेता भावुक हो गए। उन्होंने मरीजों और उनके परिवार के लोगों से बातचीत की और यहां की व्यवस्थाओं के बारे में जाना। इसके बाद सरकार और उनकी व्यवस्थाओं पर सख्त टिप्पणी भी की। उन्होंने कहा कि यहां के हालात सरकारी स्वास्थ्य स्वास्थ्य सेवाओं की असली तस्वीर पेश करते हैं। मोदी सरकार और दिल्ली की सरकार ने इन्हें अपने हाल पर छोड़ रखा है। अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रखा है।
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बीमारी का बोझ, ठिठुराने वाली सर्दी और सरकारी असंवेदनशीलता यह त्रासदी लाखों लोगों की हकीकत है। एम्स के बाहर मरीज और उनके परिवार सड़क, फुटपाथ और सबवे पर सोने को मजबूर हैं। ठंडी जमीन, भूख और असुविधाओं के बावजूद वे सिर्फ इलाज की उम्मीद लिए बैठे हैं। केंद्र और दिल्ली सरकारें अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार की विफलता है कि देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान के बाहर यह हालत देखने को मिल रही है।
राहुल गांधी के इस दौरे की तस्वीरें कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर भी शेयर की हैं। सर्दी के मौसम में यहां हालात और ज्यादा खराब हो जाते हैं। बताया जाता है कि पर्याप्त आश्रय न होने के कारण मरीज और उनके परिवार खुले में ठंड झेलने को मजबूर हो जाते हैं। हालांकि एम्स के बाहर कई समाजसेवी संस्थाएं इन लोगों को भोजन और कंबल उपलब्ध कराने की कोशिश करती हैं लेकिन कई बार मरीज ज्यादा हो जाते हैं।
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