नई दिल्ली,वाईबीएन नेटवर्क।
उच्चतम न्यायालय सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश और नियम लागू करने का अनुरोध किया गया है। प्रयागराज में जारी महाकुंभ के दौरान संगम क्षेत्र में 29 जनवरी को भगदड़ मचने से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य लोग घायल हो गए थे।
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प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ करेगी सुनवाई
न्यायालय की वेबसाइट पर 'अपलोड' की गई तीन फरवरी की वाद सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करेगी। याचिका में भगदड़ की घटनाओं को रोकने और अनुच्छेद 21 के तहत समानता एवं जीवन के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में केंद्र और सभी राज्यों को पक्षकार बनाया गया है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से काम करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है ताकि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा सके।
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य़ाचिका में राज्य सरकार को दिशा-निर्देश देने का अनुरोध
याचिका में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत यह याचिका दायर की गई है जिसमें महाकुंभ में भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकारों को दिशानिर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार को भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दे।
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न्यायिक आयोग कर रहा है जांच
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने भगदड़ की जांच के लिए तीन सदस्यों वाले न्यायिक जांच आयोग की घोषणा की है। आयोग ने घटना के दो दिन बाद मौके पर जाकर स्थिति का आकलन किया और कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए। चार दिन बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौके पर पहुंचे और हेलीकाप्टर से मुआयना किया है। 28 जनवरी की रात को संगम नोज के समीप अचानक भगदड़ मच गई थी। घटना के करीब 16 घंटे बाद मृतकों का आंकड़ा जारी किया है। हालांकि अपुष्ट सूत्र मृतकों की संख्या शासन के आंकड़ों के कई गुना अधिक बताया जा रहा है।
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