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तीसरी आंख की रहेगी पैनी नजर, AI जासूसों से नहीं बच पाएंगे आतंकी

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद कटरा-श्रीनगर रेल मार्ग पर से अधिक AI आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे।

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Ajit Kumar Pandey
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के बाद रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। कटरा-श्रीनगर रेल मार्ग पर अब 5000 से अधिक अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं। ये कैमरे न केवल दिन-रात निगरानी करने में सक्षम हैं, बल्कि संदिग्ध गतिविधियों और हथियारों की पहचान करने की क्षमता भी रखते हैं। यह कदम पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की जरूरत को उजागर किया था।

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अब लगाए जाएंगे 5000 कैमरे

पहले इस रेल मार्ग पर लगभग 3200 कैमरे लगाने की योजना थी, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 5000 कर दी गई है। ये कैमरे हर 100 मीटर के दायरे में होने वाली गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे। खास बात यह है कि ये सभी कैमरे ऑल-वेदर तकनीक से लैस हैं, जो किसी भी मौसम में स्पष्ट तस्वीरें प्रदान करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, नाइट विजन सुविधा के कारण रात के समय भी 100 मीटर तक की दूरी की गतिविधियों को कैद किया जा सकता है। AI तकनीक की मदद से ये कैमरे संदिग्ध व्यक्तियों या गतिविधियों को तुरंत पहचानकर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट भेज सकते हैं।

यह सुरक्षा व्यवस्था विशेष रूप से उद्धमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है, जो जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इस रेल मार्ग में विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, चिनाब ब्रिज, और कई सुरंगें शामिल हैं, जो इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार बनाती हैं। इन संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए उन्नत निगरानी प्रणाली की जरूरत थी, जिसे अब इन AI कैमरों के जरिए पूरा किया जा रहा है।

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बोले सुरक्षा विशेषज्ञ

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ये कैमरे न केवल आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखेंगे, बल्कि रेलवे परिचालन की दक्षता को भी बढ़ाएंगे। उदाहरण के लिए, ये कैमरे ट्रैक पर बाधाओं का पता लगाने और ओवरहेड केबल की निगरानी में भी मदद करेंगे। इसके अलावा, ये रेलवे स्टेशनों, पुलों, जंगलों और सार्वजनिक परिवहन क्षेत्रों को भी कवर करेंगे, जिससे व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

यह परियोजना भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल का भी हिस्सा है, क्योंकि इन कैमरों का निर्माण और एकीकरण स्वदेशी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। रेलटेल, कोन्कण रेलवे और अन्य प्रमुख कंपनियों के सहयोग से यह निगरानी ढांचा तैयार किया गया है। सरकार का दावा है कि यह प्रणाली जम्मू-कश्मीर में रेल यात्रा को और सुरक्षित बनाएगी, जिससे यात्रियों का विश्वास बढ़ेगा और क्षेत्र में पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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इस तरह, जम्मू-कश्मीर रेलवे की सुरक्षा में यह तकनीकी उन्नति न केवल आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम है, बल्कि क्षेत्र के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है। jammu kashmir | indian railway |

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