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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । भारत पाकिस्तान सीमा पर हलचल से पहलगाम हमले के बाद कई ऐसे संकेत सामने आए हैं, जो दोनों देशों के बीच बड़े टकराव की आशंका को बल दे रहे हैं। ये संकेत न केवल सैन्य गतिविधियों से जुड़े हैं, बल्कि कूटनीतिक और सामरिक कदमों से भी संबंधित हैं।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। इस हमले में 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए। यह हमला कब हुआ? 22 अप्रैल को दोपहर करीब 1:30 बजे। कहां हुआ? पहलगाम के बाइसरण मीडो में, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। किसने किया?
आतंकवादियों ने, जिनके तार पाकिस्तान से जुड़े होने का दावा भारत कर रहा है। क्यों हुआ? भारत का मानना है कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में हाल के शांतिपूर्ण चुनावों और आर्थिक प्रगति को अस्थिर करने की साजिश है। क्या हो रहा है? भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य और कूटनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं, जिससे सीमा पर हाई अलर्ट जारी है।
यह 5 संकेत जो बता रहे हैं कुछ बड़ा होगा!
1. सीमा पर गोलीबारी और सैन्य तैयारियां
पहलगाम हमले के बाद से नियंत्रण रेखा (LoC) और जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की घटनाएं बढ़ गई हैं। भारत ने कुपवाड़ा, बारामूला, उरी, नौशेरा, सुंदरबानी, अखनूर और पुंछ जैसे क्षेत्रों में पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे की गोलीबारी का जवाब देने के लिए सेना को पूरी छूट दी है। भारतीय सेना ने DGMO हॉटलाइन के जरिए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने अपनी कुछ सीमा चौकियों को खाली कर लिया है, और वहां से झंडे भी हटा लिए गए हैं, जो असामान्य है।
2. पाकिस्तान में हवाई गतिविधियों में कमी
पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गिलगित, स्कर्दू और अन्य उत्तरी क्षेत्रों में उड़ानों को रद्द कर दिया है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) ने कराची, लाहौर और इस्लामाबाद से स्कर्दू और गिलगित की उड़ानें स्थगित कर दी हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी है और सभी हवाई अड्डों पर हाई अलर्ट जारी किया है। यह कदम भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई के डर को दर्शाता है।
3. साइबर हमलों में वृद्धि
पाकिस्तान की ओर से साइबर हमलों में भी तेजी देखी गई है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कई साइबर हमलों को नाकाम किया है, जिनका मकसद महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था। इन हमलों को पाकिस्तान समर्थित हैकर्स से जोड़ा जा रहा है। भारत ने जवाब में अपनी साइबर सुरक्षा को और मजबूत किया है।
4. PoK में हथियारों का जखीरा
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हथियारों का भंडारण बढ़ा दिया है। यह भारत के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि यह आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की साजिश का हिस्सा हो सकता है। भारत ने इसे गंभीरता से लिया है और सीमा पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है।
5. भारत की कूटनीतिक और सैन्य प्रतिक्रिया
भारत ने पहलगाम हमले के बाद कई बड़े कदम उठाए हैं। सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया गया है, और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। इसके अलावा, भारत ने अपने सैन्य सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुला लिया है और पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारियों को निष्कासित कर दिया है। ये कदम भारत के कड़े रुख को दर्शाते हैं।
भारत की रणनीति: सीमित सैन्य कार्रवाई की संभावना
भारत सरकार इस हमले को लेकर गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी है। सूत्रों के अनुसार, भारत LoC को पार किए बिना लंबी दूरी की सटीक हथियारों से सीमित हमले पर विचार कर रहा है। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने इस दिशा में व्यापक समीक्षा की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत का जवाब "जोरदार और स्पष्ट" होगा।
पाकिस्तान का रुख: धमकी और कूटनीति
पाकिस्तान ने भारत के कदमों को "युद्ध की कार्रवाई" करार दिया है और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया है कि भारत का "आक्रमण आसन्न" है। दूसरी ओर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तटस्थ जांच की बात कही है, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया है। पाकिस्तान ने 1972 के शिमला समझौते को भी निलंबित कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका, फ्रांस, इजरायल और यूके जैसे देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की है। दूसरी ओर, चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए "निष्पक्ष जांच" की मांग की है। भारत ने तालिबान शासन को भी हमले के बारे में जानकारी दी है, जिसने इसकी निंदा की है।
क्या होगा आगे ?
पहलगाम हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को नए निचले स्तर पर ला दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्ण युद्ध की संभावना कम है, लेकिन भारत पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए सीमित सैन्य कार्रवाई कर सकता है। सीमा पर बढ़ती गतिविधियां, कूटनीतिक तनाव और अंतरराष्ट्रीय दबाव इस स्थिति को और जटिल बना रहे हैं। भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा, लेकिन यह कदम कितना बड़ा होगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
पहलगाम आतंकी हमला न केवल जम्मू-कश्मीर के लिए, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों के लिए भी एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। दोनों देशों की सैन्य तैयारियां, कूटनीतिक कदम और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप इस बात का संकेत दे रहे हैं कि कुछ बड़ा होने की आशंका है। भारत की जनता और सरकार एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करने को तैयार हैं, लेकिन शांति और स्थिरता के लिए दोनों देशों को संयम और बातचीत का रास्ता अपनाना होगा।
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