जम्मू, वाईबीएन नेटवर्क/ एजेंसी।
जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पेट्रोलिंग के दौरान एक आईईडी विस्फोट हुआ, जिसमें एक अधिकारी सहित दो सैनिक शहीद हो गए। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि अखनूर सेक्टर के लालेली में बाड़ पर गश्त के दौरान संदिग्ध आईईडी विस्फोट की सूचना मिली, जिसके परिणामस्वरूप दो सैनिक शहीद हो गए।
शहीदों में एक कैप्टन रैंक का अफसर
सेना के प्रवक्ता ने कहा, "सेना क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रही है। व्हाइट नाइट कोर दो वीर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता है और श्रद्धांजलि देता है। उन्होंने बताया कि शहीद हुए दो सैनिकों में एक कैप्टन रैंक का अधिकारी भी शामिल है।
आईईडी आतंकवादियों द्वारा लगाया गया
बयान में कहा गया है, "यह फिलहाल पता नहीं चल पाया है कि आईईडी आतंकवादियों द्वारा लगाया गया था या सेना द्वारा एलओसी बाड़ के पास लगाए गए घुसपैठ रोधी बारूदी सुरंग पर गलती से पैर पड़ जाने के कारण यह त्रासदी हुई। प्रवक्ता ने कहा कि पिछले सप्ताह राजौरी जिले में एलओसी के भारतीय हिस्से में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे पांच आतंकवादियों को बारूदी सुरंग विस्फोट में मारे गए थे।
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बारूदी सुरंग पर पैर रखने से हुआ विस्फोट
उन्होंने बताया कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों में से एक ने एलओसी बाड़ के पास इलाके में घुसपैठ रोधी बारूदी सुरंग पर पैर रख दिया था। बारूदी सुरंग में विस्फोट हो गया था, जिसमें सभी पांच पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए। पिछले सप्ताह पुंछ जिले में एक अन्य घटना में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों ने गश्त कर रहे सैनिकों पर गोलीबारी की, जिसके बाद सतर्क सैनिकों ने जवाबी गोलीबारी की, जिससे घुसपैठ की एक और कोशिश नाकाम हो गई।
नियंत्रण रेखा के पास सेना की गश्त तेज
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शीर्ष स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद नियंत्रण रेखा के पास सेना और भीतरी इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा गश्त और तेज कर दी गई है। गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के प्रति 'शून्य घुसपैठ' और 'शून्य सहिष्णुता' सुनिश्चित करनी चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि इस सर्दी में कम बर्फबारी के कारण आतंकवादियों के घुसपैठ के सभी रास्ते खुले हैं और इस वजह से नियंत्रण रेखा पर तैनात सेना ने सतर्कता बढ़ा दी है।
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