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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जाना जाता है, में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
इस हमले में 28 लोगों की जान गई, जिनमें 21 पर्यटक, दो स्थानीय नागरिक, एक नेपाली, और एक यूएई नागरिक शामिल थे। 20 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना की प्राथमिकी (FIR) में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं, जो इस हमले की सुनियोजित और क्रूर प्रकृति को दर्शाते हैं।
गोलीबारी की हैरान करने वाली दास्तां
एफआईआर के अनुसार, यह हमला मंगलवार दोपहर 2:45 बजे शुरू हुआ और करीब 30 मिनट तक चला। छह आतंकियों ने बैसरन घाटी में पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 45 लोग मौजूद थे।
हमलावरों ने एके-47 राइफलों का इस्तेमाल किया और कुछ आतंकियों ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी, जिससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को शुरू में भ्रम हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकियों ने पर्यटकों से उनके नाम और धर्म पूछे, और हिंदू नाम सुनते ही गोलीबारी शुरू कर दी। एक महिला ने बताया, "मेरे पति और मैं भेल खा रहे थे। आतंकियों ने कहा, 'ये मुस्लिम नहीं लगते,' और गोली मार दी।"
पहलगाम की घटना का पाकिस्तानी कनेक्शन
एफआईआर और खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस हमले के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली।
खुफिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि टीआरएफ के आतंकियों को पाकिस्तान से निर्देश मिले थे, और इस हमले का मकसद सांप्रदायिक हिंसा को भड़काना था। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर के एक हालिया भड़काऊ बयान को भी हमले के लिए उकसाने वाला माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने मुस्लिम-हिंदू भेदभाव का जिक्र किया था।
सूत्रों के मुताबिक, टीआरएफ के 'फाल्कन स्क्वाड' ने 'हिट एंड रन' तकनीक का इस्तेमाल किया, और हमले से पहले ओवरग्राउंड वर्कर्स ने इलाके की रेकी की थी।
जान गंवाने वाले जवान और पर्यटक
मृतकों में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, एक खुफिया ब्यूरो (आईबी) अधिकारी, और विभिन्न राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा) के पर्यटक शामिल थे।
लेफ्टिनेंट नरवाल, जो हरियाणा के रहने वाले थे, अपनी शादी के छह दिन बाद पत्नी के साथ हनीमून पर पहलगाम गए थे। उनकी पत्नी सुरक्षित हैं। मृतकों में डोंबिवली (महाराष्ट्र) के तीन लोग और बिहार के एक आईबी अधिकारी मनीष भी शामिल थे, जिनकी हत्या उनकी पत्नी और बच्चों के सामने की गई।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बैसरन घाटी को घेर लिया और व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। भारतीय सेना के एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया। एनआईए ने तीन संदिग्ध आतंकियों—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबु तल्हा—के स्केच जारी किए। सेना, सीआरपीएफ, और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें दो आतंकी ढेर किए गए। खुफिया एजेंसियों ने 1,500 से अधिक लोगों से पूछताछ की।
सरकारी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक बुलाई, जिसमें पांच बड़े फैसले लिए गए। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और सुरक्षा समीक्षा की।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "सरकार बदला लेगी।" अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई।
पहलगाम हमला एक सुनियोजित और क्रूर आतंकी घटना
यह हमला 2019 के पुलवामा हमले (40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत) के बाद कश्मीर घाटी का सबसे बड़ा आतंकी हमला था। बैसरन घाटी की ऊंचाई और घने जंगलों ने आतंकियों को भागने में मदद की, क्योंकि वहां वाहनों की पहुंच नहीं है और सुरक्षा बलों की तैनाती सीमित थी।
हमले के बाद गोवा के 50 से अधिक पर्यटक श्रीनगर के होटलों में फंस गए, जिन्हें वापस लाने की कोशिशें जारी हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे "हाल के वर्षों में आम लोगों पर सबसे बड़ा हमला" बताया और मुआवजे का ऐलान किया।
पहलगाम हमला एक सुनियोजित और क्रूर आतंकी घटना थी, जिसके पीछे पाकिस्तानी समर्थन और सांप्रदायिक हिंसा फैलाने का मकसद था। एफआईआर के खुलासे और सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई से इस हमले के दोषियों को सजा दिलाने की उम्मीद है। यह घटना भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है, जिसके जवाब में सरकार ने कड़े कदम उठाने का वादा किया है। India Pakistan Relations | India terrorism |