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up में रोगियों के प्रति असंवेदनशील पांच डॉक्टर बर्खास्त Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कःमध्य प्रदेश में कहने को तो अरसे से डबल इंजन की सरकार है लेकिन वहां के सरकारी सिस्टम में कोई सुधार नहीं आ सका है। एक सरकारी अस्पताल ने मां के पेट में ही मासूम की हत्या करने की पूरी तैयारी कर ली थी। शुक्र था कि समय रहते दंपत्ति निजी अस्पताल चले गए। वहां के डाक्टरों ने चेकअप किया तो पता चला कि जिस बच्चे को सरकारी डाक्टर मारने जा रहे थे वो जिंदा है। फिलहाल दंपत्ति को अपना वारिस मिल चुका है लेकिन वो उन डाक्टर्स को माफ करने के मूड में नहीं है जो उनके बच्चे को मारने वाले थे।
अल्ट्रासाउंड स्कैन को भी नहीं समझ सके सरकारी चिकित्सक
रामपुर बघेलान के चकेहरा गांव की निवासी दुर्गा द्विवेदी को सोमवार देर रात प्रसव पीड़ा के बाद अमरपाटन सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत क्रिटिकल होने लगी तो सुबह लगभग 4 बजे उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिवार के अनुसार दुर्गा सुबह 7.30 बजे जिला अस्पताल पहुंची। फिर उनका ब्लड टेस्ट किया गया। सुबह 9 बजे एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने डॉप्लर टेस्ट किया, लेकिन भ्रूण की धड़कन का पता नहीं चल सका। कहते हैं कि सरकारी अस्पताल में किए अल्ट्रासाउंड स्कैन में भी भ्रूण की कोई हलचल नहीं दिखाई दी। डॉक्टरों ने कि बच्चा पेट में मर चुका है। उन्होंने दवा से गर्भपात कराने की सलाह दी।
पत्नी को लेकर निजी अस्पताल गया राहुल तो पता चला कि बच्चा जिंदा है
दुर्गा के पति राहुल द्विवेदी ने बताया कि डाक्टर्स प्रेगनेंसी को खतरनाक मान रहे थे। लेकिन उनको आखिरी तक भरोसा नहीं हुआ कि बच्चा पेट में मर चुका है। आश्वस्त न होने पर राहुल अपनी पत्नी को भरहुत नगर के एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर ले गए। एक नए अल्ट्रासाउंड से पुष्टि हुई कि भ्रूण जीवित और स्वस्थ है। परिवार ने दुर्गा को तुरंत एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया। उसका सिजेरियन ऑपरेशन हुआ और उसने 3.8 किलोग्राम वजन के एक बच्चे को जन्म दिया। मां और बच्चे दोनों की हालत स्थिर है।
सीएमओ सतना बोले- दोषियों को मिलेगी सजा
परिवार ने सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ घोर लापरवाही के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की है। पति ने कहा कि अगर हमने उनकी सलाह मानी होती तो हमारा जीवित बच्चा बेवजह मर जाता। सतना के चीफ मेडिकल अफसर एलके तिवारी ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है। तिवारी ने कहा कि हमने मेडिकल कॉलेज के डीन और सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। trendingnews | trending news | mp
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