Advertisment

750 भाग्यशाली श्रद्धालु जाएंगे कैलाश, जून महीने शुरू होगी यात्रा

कैलाश मानसरोवर यात्रा जून-अगस्त 2025 तक चलेगी। विदेश मंत्रालय ने कम्प्यूटर ड्रा से 750 यात्रियों का चयन किया। यात्रा दो मार्गों से कराई जाएगी जो अब पूरी तरह मोटर योग्य हैं। अधिक जानकारी MEA की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

author-image
Ajit Kumar Pandey
KAILASH MANSAROVER YATRA
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । ब्रह्मांड के सबसे पवित्र स्थलों में से एक कैलाश मानसरोवर की यात्रा एक बार फिर शुरू होने जा रही है। तीर्थयात्रियों के लिए यह यात्रा आस्था, रोमांच और आत्मिक अनुभवों का संगम मानी जाती है। हर साल हजारों लोग इस यात्रा का सपना देखते हैं, लेकिन जगह सीमित होती है। विदेश मंत्रालय ने इस बार यात्रा के लिए चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी बना दिया है। 2025 की यात्रा में 750 भाग्यशाली श्रद्धालु ही इस अलौकिक अनुभव को जी पाएंगे।

Advertisment

इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा जून 2025 से अगस्त 2025 तक चलेगी। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित इस यात्रा के लिए कम्प्यूटर आधारित लकी ड्रा से 750 यात्रियों का चयन किया गया है। यह यात्रा लिपुलेख और नाथू ला – दो सुरक्षित और मोटरेबल मार्गों से कराई जाएगी, जिसमें ट्रैकिंग की आवश्यकता बेहद कम है।

यात्रा का सार: श्रद्धा, प्रकृति और तकनीक का संगम

विदेश मंत्रालय ने 2025 की कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए कम्प्यूटरीकृत लॉटरी के ज़रिए 750 यात्रियों का चयन किया है। 5561 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें 4024 पुरुष और 1537 महिलाएं थीं। चयनित यात्रियों को लिपुलेख मार्ग से 5 बैचों में और नाथू ला मार्ग से 10 बैचों में भेजा जाएगा। इस बार यात्रा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाया गया है।

Advertisment

कौन जाएंगे कैलाश – डाटा से जानिए

कुल आवेदन: 5561

Advertisment

पुरुष आवेदक: 4024

महिला आवेदक: 1537

चयनित यात्री: 750

Advertisment

किस रास्ते से जाएंगे कैलाश

लिपुलेख: 5 बैच (प्रत्येक में 50 यात्री)

नाथू ला: 10 बैच (प्रत्येक में 50 यात्री)

यात्रा के मार्ग अब और सुविधाजनक

इस बार लिपुलेख और नाथू ला दोनों मार्ग पूरी तरह मोटर योग्य बना दिए गए हैं। ट्रैकिंग की आवश्यकता कम कर दी गई है जिससे बुजुर्ग यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। प्रत्येक बैच में दो लाइज़निंग ऑफिसर (LO) साथ जाएंगे ताकि कोई असुविधा न हो।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व

यह यात्रा केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि आत्मा की गहराइयों से जुड़ने का अनुभव है। भगवान शिव का निवास स्थान माना जाने वाला कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील आध्यात्मिक ऊर्जा के केंद्र हैं। हर वर्ष सीमित संख्या में यात्रियों को ही यह अनुभव प्राप्त होता है।

आवेदन से चयन तक – एक पारदर्शी प्रक्रिया

इस बार यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई। विदेश मंत्रालय ने कम्प्यूटर द्वारा तैयार लॉटरी सिस्टम से यादृच्छिक, निष्पक्ष और लिंग-संतुलित चयन प्रक्रिया अपनाई, जो आधुनिक तकनीक और पारदर्शिता का बेहतरीन उदाहरण है।

वेबसाइट पर यात्रा की पूरी जानकारी उपलब्ध

यात्रा से संबंधित बैच, तिथि और मार्ग की विस्तृत जानकारी विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। इच्छुक लोग अगली बार की योजना बनाते समय इसे ज़रूर देखें।

आस्था, प्रकृति और तकनीक के संगम से सजी 2025 की कैलाश मानसरोवर यात्रा का अनुभव अविस्मरणीय होगा। जो इस बार नहीं जा सके, उनके लिए यह प्रेरणा हो सकती है – अगली बार के लिए अभी से योजना बनाएं।

क्या आप भी इस यात्रा का सपना देखते हैं? कमेंट में बताएं और इस खबर को साझा करें!

breaking news today |

Kailash Mansarovar Yatra 2025 breaking news today
Advertisment
Advertisment