नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। एक चर्चित हिंदी फिल्म का डायलॉग है, इसे परिवार क्यों कहते हैं "जिला घोषित क्यों नहीं कर देते?" राजस्थान में एक ऐसा ही परिवार है, जिसकी आबादी जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आज के दौर में जहां संयुक्त परिवारों का स्वरूप टूटकर एकल परिवारों में तब्दील हो रहा है, ऐसे में राजस्थान के रामसर गांव का एक परिवार एक मिसाल बनकर सामने आया है। यह परिवार देशभर में अपनी एकता के लिए प्रसिद्ध है। इस परिवार में कोई दो, 10 या 20 नहीं, बल्कि पूरे 185 सदस्य एक साथ रहते हैं। आज विश्व परिवार दिवस के मौके पर हम आपको राजस्थान के इस सुपर संयुक्त परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं।
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700 बीघा जमीन, करोड़ों में कमाई
राजस्थान की इस सुपर जंबो जॉइंट फैमिली में कुल 185 सदस्य हैं, जो आपस में मिल-जुलकर रहते हैं। एक छत के नीचे कई पीढ़ियां एकसाथ रहती हैं। परिवार के पास लगभग 700 बीघा जमीन है, जिस पर खेती की जाती है। परिवार के पास 12 कारें और करीब 80 टू व्हीलर हैं। खेती के काम में सहूलियत के लिए इनके पास 11 ट्रैक्टर भी हैं। इसके अलावा पूरे परिवार की सालाना आय लगभग 2 करोड़ रुपये के आसपास है।
सुबह 4 बजे से शुरू होती है दिनचर्या
परिवार की महिलाएं तड़के 4 बजे से ही रसोई के काम में जुट जाती हैं। घर में 11 चूल्हों पर खाना पकता है। रोजाना लगभग 75 किलो आटे की रोटियां और 50 किलो सब्जी बनाई जाती है। सुबह के समय करीब 20 किलो सब्जी और शाम को 10 किलो सब्जी पकती है। सभी सदस्य मिलजुल कर काम करते हैं। महिलाएं गोबर उठाने, चारा काटने, दूध दुहने और रसोई के काम में लगी रहती हैं, जबकि पुरुष खेती और प्रशासनिक कार्यों में योगदान देते हैं।
पढ़ाई में भी आगे है नई पीढ़ी
परिवार की नई पीढ़ी शिक्षा के क्षेत्र में भी पीछे नहीं है। बच्चे स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। परिवार की कई महिलाएं और पुरुष भी बीए-एमए पास हैं। परिवार की एक महिला सरपंच भी रह चुकी है।
परिवार में 146 मतदाता
इस संयुक्त परिवार के 146 सदस्य वोटर हैं। चुनाव के समय पूरा परिवार एकमुश्त होकर मतदान करता है। यह परिवार गांव के मुखिया के चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है। इतने बड़े परिवार को एक साथ चलाना आसान नहीं, लेकिन इस परिवार ने काम के स्पष्ट बंटवारे और अनुशासन से यह कर दिखाया है।
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