Advertisment

भारत-पाक युद्ध का डर: भाड़े के सैनिकों पर क्यों भरोसा जता रहे हैं Pakistani Generals? जानें क्या है TSTF का फलसफा!

पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था में TSTF निजी सैन्य कंपनी का उदय, सुरक्षा के लिए भाड़े के सैनिकों पर निर्भरता दर्शाता है, जो आंतरिक असुरक्षा को उजागर करता है। यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर TSTF का उदय पाकिस्तान के लिए क्या मायने रखता है।

author-image
Ajit Kumar Pandey
PAKISTANI ARMY UPDATE NEWS
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था में हाल के वर्षों में एक नया और चौंकाने वाला बदलाव देखने को मिल रहा है। देश के शीर्ष सैन्य जनरल्स, जिन्हें पहले अपनी नियमित सेना और खुफिया एजेंसियों पर पूरा भरोसा था, अब अपनी सुरक्षा के लिए निजी सैन्य कंपनी (PMC) पर निर्भर हो रहे हैं।

इस कंपनी का नाम है Tactical Security Task Force (TSTF), जो कथित तौर पर भाड़े के सैनिकों को उच्च-स्तरीय सुरक्षा सेवाएं प्रदान करने के लिए तैनात कर रही है। यह बदलाव न केवल पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में बदलते हालात को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी कई सवाल खड़े करता है।

इस लेख में हम इस खबर को गहराई से समझेंगे, आंकड़ों के साथ तथ्य प्रस्तुत करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर TSTF का उदय पाकिस्तान के लिए क्या मायने रखता है।

TSTF क्या है और इसका उदय कैसे हुआ?

Tactical Security Task Force (TSTF) एक निजी सैन्य कंपनी है, जो हाल के वर्षों में पाकिस्तान में तेजी से उभरी है। सूत्रों के अनुसार, यह कंपनी उच्च-प्रशिक्षित भाड़े के सैनिकों को नियुक्त करती है, जिनमें से कई पूर्व सैन्यकर्मी या विदेशी प्रशिक्षित लड़ाके हैं। 2023 के एक अनुमान के अनुसार, TSTF के पास लगभग 5,000 से 7,000 प्रशिक्षित कर्मी हैं, जो मुख्य रूप से इस्लामाबाद, रावलपिंडी और कराची जैसे प्रमुख शहरों में तैनात हैं। कंपनी का दावा है कि यह केवल "संवेदनशील व्यक्तियों" को सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन हाल की रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इसके कर्मी पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और सरकारी हस्तियों की सुरक्षा में सक्रिय रूप से शामिल हैं।

Advertisment

TSTF का उदय उस समय हुआ, जब पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों की संख्या में वृद्धि देखी गई। 2022 में, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में आतंकवादी हमलों में 28% की वृद्धि हुई थी, जिसमें 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे। इन हमलों में सैन्य और पुलिस कर्मियों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। ऐसे में, सैन्य नेतृत्व ने अपनी सुरक्षा के लिए निजी कंपनियों की ओर रुख किया, और TSTF ने इस अवसर का लाभ उठाया।

पाकिस्तान के जनरल्स की सुरक्षा में बदलाव क्यों?

पाकिस्तान की सेना, जो दक्षिण एशिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक मानी जाती है, अपनी सुरक्षा के लिए भाड़े के सैनिकों पर निर्भर क्यों हो रही है? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं...

आंतरिक सुरक्षा में कमी: हाल के वर्षों में, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और अन्य आतंकवादी संगठनों ने सैन्य ठिकानों और अधिकारियों को निशाना बनाया है। 2024 में, पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर 12 बड़े हमले दर्ज किए गए, जिनमें 3 लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारी घायल हुए। इसने सैन्य नेतृत्व में असुरक्षा की भावना को बढ़ाया।

Advertisment

नियमित सेना की सीमाएं: पाकिस्तान की सेना, जो 6,50,000 सक्रिय सैनिकों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है, मुख्य रूप से सीमा सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में व्यस्त है। ऐसे में, व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए संसाधन और समय की कमी हो रही है।

TSTF की विशेषज्ञता: TSTF के कर्मी न केवल उच्च प्रशिक्षित हैं, बल्कि उनके पास आधुनिक हथियार और तकनीक भी हैं। एक अनुमान के अनुसार, TSTF के पास $50 मिलियन से अधिक की सैन्य संपत्ति है, जिसमें ड्रोन, बख्तरबंद वाहन और उन्नत संचार उपकरण शामिल हैं।

गोपनीयता और लचीलापन: भाड़े के सैनिक नियमित सेना की तुलना में अधिक गोपनीयता और लचीलापन प्रदान करते हैं। TSTF के कर्मी बिना सरकारी जवाबदेही के काम कर सकते हैं, जो सैन्य नेतृत्व के लिए एक बड़ा आकर्षण है।

Advertisment

PAKISTANI ARMY, PAK GENERALS NEWS

TSTF का वैश्विक और क्षेत्रीय प्रभाव

TSTF का उदय केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं है; इसके क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव भी हैं। भारत, जो पाकिस्तान का पड़ोसी और लंबे समय से प्रतिद्वंद्वी है, ने TSTF की गतिविधियों पर चिंता जताई है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, TSTF के कुछ कर्मी विदेशी खुफिया एजेंसियों से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हो सकता है।

वैश्विक स्तर पर, निजी सैन्य कंपनियों का बढ़ता प्रभाव पहले से ही एक विवादास्पद मुद्दा है। संयुक्त राष्ट्र की एक 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 50 से अधिक देशों में निजी सैन्य कंपनियां सक्रिय हैं, और इनका कुल कारोबार $200 बिलियन से अधिक है। TSTF का उभरना इस वैश्विक ट्रेंड का हिस्सा है, लेकिन इसके स्थानीय प्रभाव पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक व्यवस्था को और जटिल बना सकते हैं।

चुनौतियां और विवाद

TSTF के बढ़ते प्रभाव के साथ कई चुनौतियां और विवाद भी सामने आ रहे हैं...

जवाबदेही की कमी: निजी सैन्य कंपनियां सरकारी नियंत्रण से बाहर होती हैं, जिसके कारण मानवाधिकार उल्लंघन की आशंका बढ़ जाती है। 2024 में, TSTF के कर्मियों पर 2 नागरिकों की हत्या का आरोप लगा, जिसके बाद कंपनी विवादों में घिर गई।

आर्थिक बोझ: TSTF की सेवाएं सस्ती नहीं हैं। एक अनुमान के अनुसार, एक उच्च-स्तरीय सैन्य अधिकारी की सुरक्षा के लिए TSTF को प्रति माह $50,000 से $1,00,000 का भुगतान करना पड़ता है। यह राशि पाकिस्तान जैसे देश के लिए एक बड़ा आर्थिक बोझ हो सकती है।

सेना का मनोबल: नियमित सेना के बीच यह धारणा बन रही है कि सैन्य नेतृत्व को उन पर भरोसा नहीं है। इससे सेना के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

भविष्य की संभावनाएं

TSTF का भविष्य और पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था पर इसका प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं है। यदि आतंकवादी हमले और आंतरिक अस्थिरता बढ़ती रही, तो TSTF जैसी कंपनियों की मांग और बढ़ सकती है। हालांकि, यह भी संभव है कि सरकार और सेना इस तरह की निजी कंपनियों पर निर्भरता को कम करने के लिए नई रणनीतियां बनाए।

पाकिस्तान के सैन्य जनरल्स की सुरक्षा अब भाड़े के सैनिकों के हवाले है, और TSTF इस बदलाव का केंद्र बन चुकी है। यह न केवल पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी कई सवाल खड़े करता है। क्या TSTF पाकिस्तान की सुरक्षा को मजबूत करेगी, या यह नए विवादों को जन्म देगी? यह समय ही बताएगा।

 breaking news india pakistan | Current Affairs India Pakistan | India Pakistan border | India Pakistan conflict | india pakistan latest tension | India Pakistan News | India Pakistan Nuclear War | army | young baharat news | young bahrat | Young Bharat |

Young Bharat young bahrat young baharat news army India Pakistan Nuclear War India Pakistan News india pakistan latest tension India Pakistan conflict India Pakistan border Current Affairs India Pakistan breaking news india pakistan
Advertisment
Advertisment