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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक बार फिर तनाव का माहौल है। पाकिस्तानी सेना ने लगातार कई रातों तक बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया।
यह घटना 27-28 अप्रैल 2025 की रात को हुई, जब पाकिस्तानी चौकियों ने कुपवाड़ा और पुंछ जिलों के सामने वाली सीमा पर छोटे हथियारों से फायरिंग शुरू की। भारतीय सेना ने तत्काल और प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। यह लगातार चौथी रात थी जब पाकिस्तान ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया, जिसके पीछे हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को जोड़ा जा रहा है।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयावह आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए। मृतकों में 24 पर्यटक, एक स्थानीय घुड़सवार और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और गहरा दिया।
भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इससे इनकार किया। इसके बाद से ही नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की गतिविधियां बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह हरकत भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से उपजी बेचैनी का नतीजा हो सकती है।
नियंत्रण रेखा पर लगातार उल्लंघन
पाकिस्तानी सेना ने 25-26 अप्रैल और 26-27 अप्रैल की रात को भी नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की थी। इन घटनाओं में भी भारतीय सेना ने तुरंत जवाब दिया। 27-28 अप्रैल की रात को कुपवाड़ा और पुंछ में हुई फायरिंग को विशेष रूप से गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार था जब पुंछ सेक्टर में संघर्षविराम उल्लंघन दर्ज किया गया। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, "पाकिस्तानी सेना ने रात के समय बिना किसी कारण के छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की। भारतीय सैनिकों ने इसका जवाब पूरी ताकत के साथ दिया।"
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए हैं। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, अटारी सीमा को बंद कर दिया, और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा निलंबित कर दिए। इसके अलावा, नई दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के रक्षा सलाहकारों और उनके पांच सहायक कर्मचारियों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया। दोनों देशों ने अपने दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी। इन कदमों से दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव और बढ़ गया है।
भारतीय सेना की तत्परता
भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में उधमपुर में उत्तरी कमान मुख्यालय का दौरा किया और पुंछ-राजौरी जिलों सहित पश्चिमी क्षेत्रों की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सेना ने राजौरी क्षेत्र में वाहनों की गहन जांच शुरू की है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले और उसके बाद की घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। लंदन में भारतीय समुदाय ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें "भारत माता की जय" और "वंदे मातरम" के नारे लगाए गए। इस प्रदर्शन में भारतीय तिरंगा लहराया गया और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ नारेबाजी की गई। दूसरी ओर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक "तटस्थ" जांच की पेशकश की है, लेकिन भारत ने इसे खारिज करते हुए हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे जिम्मेदार ठहराया है।
ऐतिहासिक संदर्भ
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। दोनों देशों ने इस क्षेत्र को लेकर दो युद्ध लड़े हैं, और नियंत्रण रेखा पर समय-समय पर तनाव बढ़ता रहा है। 2019 में भारतीय वायुसेना के एक जेट को पाकिस्तान द्वारा मार गिराए जाने के बाद भारत ने अपनी सैन्य आधुनिकीकरण प्रक्रिया को तेज कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना में अरबों डॉलर का निवेश किया और हथियार खरीद के लिए नए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों की तलाश की। इसके बावजूद, दोनों देशों के बीच राजनयिक चैनल कमजोर पड़ गए हैं, जिससे तनाव और बढ़ रहा है।
पाकिस्तान की रणनीति
कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह गोलीबारी एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकती है। पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से कड़े कदमों ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है। कुछ का मानना है कि यह गोलीबारी भारत का ध्यान भटकाने और अपनी घरेलू जनता को यह दिखाने की कोशिश है कि वह भारत के खिलाफ मजबूती से खड़ा है। हालांकि, भारतीय सेना की तत्परता और जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान के इरादों पर पानी फेर दिया है।
भविष्य की संभावनाएं
नियंत्रण रेखा पर बार-बार होने वाले संघर्ष विराम उल्लंघन से दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा बढ़ रहा है। दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि यदि राजनयिक चैनलों को जल्दी से बहाल नहीं किया गया, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा और किसी भी तरह की उकसावे की कार्रवाई का जवाब देगा।
नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की अकारण गोलीबारी और भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव को उजागर किया है। पहलगाम हमले के बाद से शुरू हुआ यह सिलसिला क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन रहा है।
भारतीय सेना की तत्परता और सरकार के कड़े कदमों ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत किसी भी तरह की आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में हस्तक्षेप कर दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाने की जरूरत है ताकि शांति बहाल हो सके। Indian Army Reply LOC | jammu and kashmir terror attack |