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''पाकिस्तान ने ऐसे किया भारत पर हमला, जानें कौन हैं ‘शैडो ऑफ पहलगाम’'

पहलगाम हमले के बाद भारत पर 10 लाख से अधिक साइबर हमले हुए, जो पाकिस्तान, मध्य पूर्व, मोरक्को, इंडोनेशिया और बांग्लादेश से किए गए हैं और इसे 'शैडो ऑफ पहलगाम' कहा गया।

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Ajit Kumar Pandey
CYBER ATTACK ON INDIA
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत की सुरक्षा व्यवस्था को झकझोरा, बल्कि इसके बाद साइबर दुनिया में भी एक नया युद्ध छिड़ गया है। महाराष्ट्र साइबर सेल की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले के बाद भारत पर 10 लाख से अधिक साइबर हमले हुए हैं। ये हमले न केवल पाकिस्तान, बल्कि मध्य पूर्व, मोरक्को, इंडोनेशिया और बांग्लादेश जैसे देशों से भी किए गए हैं। इन हमलों को ‘शैडो ऑफ पहलगाम’ नाम दिया गया है, जो एक सुनियोजित डिजिटल साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।

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साइबर हमलों की शुरुआत और पैटर्न

महाराष्ट्र साइबर सेल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक यशस्वी यादव के अनुसार, 23 अप्रैल से इन हमलों की संख्या में तेजी आई। ये हमले भारतीय रक्षा बलों की वेबसाइटों, सरकारी पोर्टलों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे से जुड़े सिस्टम्स को निशाना बना रहे हैं। हैकर्स ने फिशिंग, मैलवेयर और डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया। कुछ मामलों में, सोशल मीडिया पर भड़काऊ और गलत सूचनाएं फैलाने की कोशिश भी की गई। खास तौर पर, राजस्थान शिक्षा विभाग की वेबसाइट को हैक कर उस पर पहलगाम हमले को ‘आंतरिक साजिश’ बताने वाले संदेश डाले गए।

पाकिस्तान और अन्य देशों की भूमिका

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रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के साइबर ग्रुप्स, जैसे ‘फैंटास्टिक टी क्लब’ और ‘पाकिस्तान साइबर फोर्स’, इन हमलों के पीछे हैं। इसके अलावा, कुछ इस्लामिक साइबर ग्रुप्स भी सक्रिय पाए गए हैं, जो भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटे हैं। हालांकि, केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश और अन्य देशों के हैकर्स भी इस डिजिटल युद्ध में शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये हमले भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का हिस्सा हैं, जो पहलगाम हमले के बाद और गहरा गया है।

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भारत की साइबर सुरक्षा रणनीति

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इन हमलों के जवाब में, भारतीय साइबर एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (NCSC) और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) ने प्रभावित सिस्टम्स को बहाल करने और भविष्य के हमलों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। महाराष्ट्र साइबर सेल ने सरकारी विभागों के लिए साइबर सुरक्षा सलाह जारी की है और जल्द ही एक नया साइबर सुरक्षा ऐप लॉन्च करने की योजना बनाई है। साथ ही, साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीमें इन हमलों के स्रोत का पता लगाने में जुटी हैं।

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

पहलगाम हमले और उसके बाद के साइबर हमलों ने भारत में सुरक्षा और एकता के मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है। विपक्षी नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस समय हर भारतीय को एकजुट होकर आतंकवाद और साइबर खतरों के खिलाफ लड़ना होगा। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने दोषियों को कड़ी सजा देने का वादा किया है। दिल्ली में व्यापारियों ने पहलगाम हमले के खिलाफ बंद का ऐलान किया, जिसमें 8 लाख से अधिक दुकानें शामिल थीं।

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भविष्य के लिए सबक

साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि ये हमले भारत के लिए एक चेतावनी हैं। जैसे-जैसे डिजिटल दुनिया का महत्व बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर सुरक्षा को मजबूत करना जरूरी हो गया है। विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि सरकारी और निजी संस्थानों को अपने सिस्टम्स को अपडेट रखना चाहिए और कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए। साथ ही, आम नागरिकों को भी फिशिंग और अनजान लिंक्स से सावधान रहने की सलाह दी जा रही है।

पहलगाम हमले के बाद शुरू हुआ यह साइबर युद्ध भारत की सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती है। यह न केवल तकनीकी, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी एकजुटता की मांग करता है। भारत सरकार और साइबर एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई से कई हमलों को नाकाम किया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह लड़ाई अभी लंबी चलेगी। 

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