नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गुहार लगाई है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करें, नहीं तो दोनों देशों के बीच पूर्ण युद्ध छिड़ सकता है। पाकिस्तानी मंत्री ने यह बयान पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिया है, जिसमें जवानों की मौत हो गई थी।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने ट्रंप से की गुहार
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता नहीं की, तो दोनों देशों के बीच बड़ा युद्ध हो सकता है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से अपील करते हुए कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें। आसिफ ने यहां तक कहा कि पाकिस्तान परमाणु शक्ति संपन्न देश है और अगर युद्ध हुआ, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
हालांकि, भारत हमेशा से यह स्पष्ट करता आया है कि कश्मीर मामला उसका आंतरिक विषय है और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा। भारत सरकार का मानना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देकर कश्मीर में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है।
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी एक आतंकी संगठन ने ली थी, जिसके बाद से भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह आतंकवाद को समर्थन दे रहा है। भारतीय सेना ने कहा था कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान-समर्थित आतंकी गुटों का हाथ है।
इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वह आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। वहीं, पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत के खिलाफ हस्तक्षेप की मांग कर रहा है।
क्या अमेरिका करेगा हस्तक्षेप?
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसे स्पष्ट तौर पर ठुकरा दिया था। भारत का मानना है कि कश्मीर मामले पर किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है। अब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने एक बार फिर ट्रंप से मदद मांगी है, लेकिन अमेरिका की वर्तमान सरकार ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए अमेरिका और अन्य देशों से मदद मांग रहा है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है, और अगर भारत के साथ युद्ध छिड़ता है, तो उसके लिए स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
भारत की स्थिति स्पष्ट, कोई समझौता नहीं
भारत सरकार ने कई बार स्पष्ट किया है कि कश्मीर पर किसी भी प्रकार की बाहरी दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। भारतीय सेना ने पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान को जवाब दिया है।
अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तान अपनी रणनीति बदलेगा या फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश जारी रखेगा। वहीं, भारत सतर्क है और किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मजबूती से जवाब देने के लिए तैयार है।
पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा।
पहलगाम हमले के बाद तनाव बढ़ा है, और पाकिस्तानी नेताओं की अमेरिका से मदद मांगने की कोशिश भारत के लिए चुनौती बन सकती है। हालांकि, भारत सुरक्षा बलों के साथ मिलकर किसी भी आतंकी गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। pakistan | India | america | trump | jammu and kashmir terror attack |