नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
1 अप्रैल से यूपीआई पेमेंट सर्विस में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। इस नए नियम के तहत, यदि आपका बैंक से लिंक्ड मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है, तो 1 अप्रैल के बाद आप यूपीआई का उपयोग नहीं कर पाएंगे। यह कदम डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया गया है।
Inactive number सुरक्षा के लिए खतरा
कई यूजर्स अपने मोबाइल नंबर बदलते या निष्क्रिय करते हैं, लेकिन वे अपनी यूपीआई आईडी को अपडेट नहीं करते। इससे ऐसे नंबर सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। इस स्थिति को देखते हुए, NPCI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपने डेटाबेस से ऐसे निष्क्रिय नंबरों को हटा दें, ताकि सुरक्षा बढ़ाई जा सके।
निष्क्रिय नंबर होंगे रीमूव
31 मार्च तक सभी बैंक और भुगतान सेवा प्रदाताओं को अपने रिकॉर्ड को अपडेट करना होगा। इसके तहत, जिन मोबाइल नंबरों का उपयोग नहीं हो रहा है या जो बदल गए हैं, उन्हें यूपीआई नेटवर्क से हटा दिया जाएगा। 1 अप्रैल से इन नंबरों से जुड़ी यूपीआई सर्विस बंद हो जाएगी।
Weekly Record अपडेट जरूरी
NPCI ने यूपीआई सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को सप्ताह में कम से कम एक बार अपने मोबाइल नंबर के रिकॉर्ड को अपडेट करने का आदेश दिया है। इसके लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा, जिससे संदिग्ध नंबरों की पहचान की जाएगी और उन्हें हटा दिया जाएगा।
इनकी UPI सेवा हो सकती है बंद
- जिन लोगों ने अपना मोबाइल नंबर बदला है और बैंक में अपडेट नहीं किया है, उनकी यूपीआई सेवा बंद हो सकती है।
- जिनका मोबाइल नंबर निष्क्रिय हो गया है, वे भी यूपीआई सेवा का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
- यदि नंबर का उपयोग कॉल, एसएमएस या अन्य सेवाओं के लिए नहीं हो रहा है, तो वह यूपीआई नेटवर्क से हटा दिया जाएगा।
इससे कैसे बचें?
- यह सुनिश्चित करें कि आपका बैंक से जुड़ा मोबाइल नंबर सक्रिय हो।
- यदि नंबर बदल चुका है, तो उसे बैंक में अपडेट करें।
- अगर UPI ID से जुड़ा नंबर निष्क्रिय हो, तो उसे जल्द नया नंबर देकर अपडेट कर लें।
इस बदलाव से न केवल आपकी यूपीआई सेवा सक्रिय रहेगी, बल्कि आपको धोखाधड़ी से भी बचने में मदद मिलेगी।