नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
शादी एक ऐसा बंधन होता है, जो दो लोगों को एक रिश्ते में बांधता हैं। हर इंसान की ये ख्वाहिश होती है कि वो अपने पसंदीदा व्यक्ति से शादी रचाकर खुशहाल जिंदगी की शुरूआत करें। इसके लिए वो काफी शानदार तरीके से शादी करते हैं। वहीं, ऐसे भी कई लोग होते हैं, जिन्हें शादी के वक्त मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की चाह होती है। वहीं, मैरिज सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए कई तरह के पापड़ बेलने पड़ते हैं।
मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना है काफी जरूरी
शादी के समय मैरिज सर्टिफिकेट बनाने के लिए कई तरह के नियम लागू होते हैं। बता दें, मैरिज सर्टिफिकेट या विवाह प्रमाण पत्र एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है, जो शादी के बाद पति-पत्नी के वैवाहिक संबंध का प्रमाण होता है। शादीशुदा लोगों के लिए ये कागजात काफी जरूरी होता है। लेकिन इस सर्टिफिकेट के लिए कुछ लोग ही अप्लाई कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या वो नियम, जिसकी मदद से आप मैरिज सर्टिफिकेट जारी कर सकते हैं।
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ये हैं नियम
भारत में शादी के लिए एक उम्र निर्धारित की गई है, जिसमें लड़के की उम्र 21 और लड़की की आयु 18 होना जरूरी होता है। वहीं, शादी के वक्त दोनों में से किसी की भी उम्र अगर कम होती है तो शादी ऑफीशियल नहीं मानी जाती और इस वजह से मैरिज सर्टिफिकेट नहीं जारी किया जाता है। बता दें, ये नियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि कोई भी व्यक्ति उम्र सीमा का उल्लंघन न कर सकें, जिस वजह से अवैध उम्र में हुई शादी के लिए मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनाया जाता है।
मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के ये जरूरी नियम
मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कुछ शर्तों का खास ख्याल रखना काफी जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति उत्तर प्रदेश में रहता है और दिल्ली की लड़की से शादी करता है तो उसका मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बन सकता है। इसी तरह हर राज्य में ये नियम लागू होता है। वहीं, शादी के पांच साल के अंदर अगर आपने मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनवाया तो आगे चलकर आप इसके लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं।