Advertisment

Holi 2025: चिताओं की राख से हरिद्वार में खेली गई होली, संन्यासियों ने अनोखे अंदाज में मनाया त्यौहार, देखने वाले रह गए दंग

किन्नर नागा और अघोरी सन्यासी गुरुवार तड़के शमशान घाट पहुंचे और चिताओं की राख से होली खेली। इस आयोजन के लिए दूर- दूर से तंत्र- मंत्र की साधना करने वाले अघोरी हरिद्वार पहुंचे थे।

author-image
Dhiraj Dhillon
एडिट
Haridwar Holi

Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

हरिद्वार, वाईबीएन नेटवर्क।

Advertisment

हरिद्वार के शमशान घाट में चिताओं की राख से होली खेली गई। किन्नर नागा और अघोरी सन्यासी गुरुवार तड़के शमशान घाट पहुंचे और चिताओं की राख से होली खेली। इस आयोजन के ल‌िए दूर- दूर से तंत्र- मंत्र की साधना करने वाले अघोरी हरिद्वार पहुंचे थे। चिताओं की राख से सन्यासियों की होली देखने के लिए शमशान घाट के पास बड़ा जमावड़ा लग गया। बता दें कि सनातन परंपराओं की कई अनूठी और रहस्यमयी साधनाओं में शमशान की होली भी शामिल है। यह बड़ा आध्यात्मिक और दार्शनिक संदेश देती है।

Holi के दिन भूलकर भी न पहनें ऐसे कपड़े, वरना पछताएंगे

मां भवानी शंकर नंद गिरी की अगुवाई में हुई होली

Advertisment

हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान में प्रथम किन्नर नागा सन्यासी माँ भवानी शंकर नंद गिरी की अगुवाई में चिताओं की राख से अनोखी होली खेली गई। इस आध्यात्मिक आयोजन में पारंपरिक रंगों के साथ चिता की राख का उपयोग किया गया, जो जीवन और मृत्यु के चक्र का प्रतीक माना जाता है। इस मौके पर माँ भवानी ने कहा कि "श्मशान की होली" आत्मा की शुद्धि और ब्रह्म साक्षात्कार की साधना का हिस्सा है। यह परंपरा जीवन की नश्वरता और मृत्यु के रहस्य को दर्शाती है। 

Holi 2025 : India-Pakistan सीमा पर तैनात BSF के जवानों ने खेली होली

यह एक आध्यात्मिक संदेश है

Advertisment

मां भवानी शंकर नंद गिरी ने कहा कि शमशान की होली एक अनुष्ठान मात्र नहीं है। यह एक आध्यात्मिक संदेश है और जीवन की सत्यता भी। यह प्रथा जीवन और मृत्यु के चक्र को समझने और नश्वरता स्वीकार करने की दिशा में उठाया गया कदम है। शमशान ही वह जगह है जहां जीवन की अंतिम सच्चाई सामने आती है। हर जीव को एक दिन मिट्टी में मिल जाना है, इसी सत्य को स्वीकार कर साधक मोह से मुक्त हो जाते हैं। बता दें कि अघोरी साधना के लिए साधक शमसान में ही निवास साधना करते हैं, इस साधना का उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति और विश्व कल्याण है।

Happy holi : रहना सावधान, केमिकल वाले रंग आफत में ना डाल दे जान

देश भर के साधक हुए शामिल

Advertisment

हरिद्वार के शमशान की होली में शामिल होने के लिए देश भर से साधक पहुंचे हैं। प्रमुख रूप से ग्वालियर से तंत्र साधक अनिल शंकर नंद गिरी, देहरादून से अखिल शंकर नंद गिरी, दिल्ली से मां मीनाक्षी नंद गिरी, आजमगढ़ से मां रूद्राणी शंकर नंद गिरी समेत अन्य स्थानों से आए तमाम साधकों ने शमशान पहुंचकर चिताओं की राख से होली खेली।

HOLI 2025 पर विशेष: रमजान हो या होली यहां हमेशा खुले रहते हैं दिलों के दरवाजे

Advertisment
Advertisment