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बेंगलुरु, आईएएनएस।
Sports: कौशल विकास और उद्यमिता (एमएसडीई) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने जोर देकर कहा कि खेलों की भूमिका देश में अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण हो सकती है। चौधरी पादुकोण द्रविड़ सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्सीलेंस में आरसीबी इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट के दूसरे दिन बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय खेल सामान बाजार 2020-21 में 3.9 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2027 तक 6.6 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
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खेल विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा
खेल सामान निर्माण पहले से ही भारत में 5,00,000 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाला एक व्यवहार्य व्यवसाय है। जब आप शिक्षा के पक्ष को देखते हैं, तो आपको इसमें कुछ नए आयाम दिखाई देते हैं। उत्तर प्रदेश राज्य खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के पास भी योजनाएं हैं - उन्होंने एक खेल विश्वविद्यालय बनाने की योजना की घोषणा की है। इससे सेवानिवृत्त खिलाड़ियों और कोचों के लिए अवसर और नौकरियां पैदा होंगी। खेल विश्लेषण और विज्ञान के लिए आईआईटी मद्रास में पहले से ही उत्कृष्टता केंद्र है। वहां बहुत सारे हरे-भरे किनारे हैं, बहुत सारे रोजगार के अवसर हैं और साथ ही, छोटे व्यवसाय भी फल-फूल सकते हैं।
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राष्ट्र एक खेल-अग्रणी राष्ट्र बनने की दिशा में प्रयासरत
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भारत की नई शिक्षा नीति 2020 खेलों को औपचारिक पाठ्यक्रम में एकीकृत कर रही है, क्योंकि राष्ट्र एक खेल-अग्रणी राष्ट्र बनने की दिशा में प्रयास कर रहा है। अब हमारे पास एक प्रगतिशील नीति है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, जो समझती है कि आपको बहुत अधिक स्वतंत्रता और जोखिम देने की आवश्यकता है और इसके लिए एक बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। आपको सभी उम्र के स्कूली बच्चों की प्रतिभा, पहुंच में समानता का पता लगाने की आवश्यकता है।उन्हें यह समझने दें कि उनकी प्रतिभा क्या है, वास्तव में उन्हें क्या प्रेरित करता है और उन्हें कुछ नया करने और अलग तरीके से सोचने की क्षमता दें।
भारत के खेल विकास को गति देने पर की चर्चा
चौधरी ने कहा​ कि एक बार जब हमारे पास वह नीति संरचना होगी, जो इतनी प्रगतिशील होगी, तो यह हमें खेलों को औपचारिक पाठ्यक्रम में शामिल करने में सक्षम बनाएगी। बाद में तेलंगाना सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य और आईटी विभागों के विशेष मुख्य सचिव जयेश रंजन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के खेल विकास को कैसे गति दे सकते है। हमने अपने लिए जो आंतरिक मानक बनाए हैं, उनमें से एक यह है कि प्रत्येक निर्णय अधिकतम दो स्तरों पर लिया जाएगा, और इसका जवाब देने में एक पखवाड़े से अधिक समय नहीं लगेगा। और हमने सभी लालफीताशाही को खत्म कर दिया है।
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